सदन में बिहार सरकार ने कहा, स्मार्ट सिटी योजना की टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं, विभागीय कमेटी गठित
पटना। नीतीश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में स्मार्ट सिटी की महत्वाकांक्षी योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में बुधवार को उपमुख्यमंत्री एवं नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत प्रस्तावित इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं हैं। इसके बाद पटना में टेंडर रद कर दिया गया है। जदयू के विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह के तारांकित सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने सदन को यह जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन को बताया कि टेंडर प्रक्रिया की जांच विभागीय स्तर पर गठित कमेटी द्वारा की गई है। इसमें गंभीर अनियमितताओं एवं लापरवाही के लिए सभी संबंधितों पर कार्रवाई के लिए पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को निर्देश दिया गया है। मंत्री के जवाब पर भाजपा के विधान पार्षद दिलीप जायसवाल ने पूरक सवाल के जरिए स्मार्ट सिटी योजना में अन्य भ्रष्टाचार की ओर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। जायसवाल ने भागलपुर, पटना, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में अभी तक स्पेशल परपज व्हीकल नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। वहीं सदन में संजीव श्याम सिंह ने पटना स्मार्ट सिटी के एसपीपी में 350 करोड़ रुपये घोटाले को लेकर चिंता जताई। कहा कि गड़बड़ी करने वालों पर अभी तक कोई कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई।


