सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग में सरस्वती पूजा 16 फरवरी को, ग्रह-गोचरों का बना महासंयोग
पटना। माता सरस्वती बुद्धि और विद्या की देवी हैं। मान्यता है कि जिस छात्र पर मां सरस्वती की कृपा हो उसकी बुद्धि बाकी छात्रों से अलग और बहुत ही प्रखर होती है। खासतौर पर बसंत पंचमी में यदि विद्यानुरागी मां सरस्वती की अराधना करे, उनके मंत्र का जाप करें या कोई अन्य उपाय करें तो मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माघ शुक्ल पंचमी मंगलवार 16 फरवरी को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। इसी दिन मां सरस्वती का अवतार भी हुआ था। सरस्वती ब्रह्म की शक्ति के रूप में भी जानी जाती हैं।
सरस्वती पूजा पर बना महासंयोग
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि 16 फरवरी को माता सरस्वती की पूजा पर ग्रह-गोचरों का महासंयोग बन रहा है। उन्होंने पंचांगों के हवाले से बताया कि सरस्वती पूजा पर सर्वार्थ अमृतसिद्धि योग, रवियोग, रेवती नक्षत्र, शुभ योग, मंगलवार दिन, पंचमी तिथि, माघ मास, बव करण का महासंयोग बन रहा है। 16 फरवरी को पूरा दिन पंचमी तिथि व्याप्त होने से पूजनार्थी को समयाभाव नहीं होगा।
सरस्वती पूजा से अक्षरारंभ का होगा शुभारंभ
पंडित झा के मुताबिक, सरस्वती पूजा पर मंत्र दीक्षा, नवजात शिशुओं का अक्षरारंभ भी किया जाता है। इस तिथि पर माता सरस्वती के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, पुस्तक-लेखनी और वाद्य यंत्र की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर-गुलाल भी लगाते हैं। बसंत पंचमी के दिन ही गुप्त नवरात्र का पांचवा पूजा किया जाता है।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
शुभ योग मुहूर्त : प्रात: 06.24 बजे से पूरे दिन
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:41 बजे से 12:26 बजे तक
गुली काल मुहूर्त : दोपहर 12:04 बजे से 01:28 बजे तक
राशि के अनुसार करे मां सरस्वती की आराधना
मेष- सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करें। मंत्र- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम:
वृष- हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाएं। मंत्र- ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम:
मिथुन- श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करें। मंत्र- ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम:
कर्क- लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाएं। मंत्र- ॐ मां चंद्रिका देव्यै नम:
सिंह- पीले रंग की कलम, लाल फूल, अभ्रक अर्पित करें। मंत्र- ॐ मां कमलहास विकासिनि नम:
कन्या- गुड़, अबीर, इत्र अर्पण तथा पुस्तक का दान करें। मंत्र- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनि नम:
तुला- नीला कलम, पंचामृत, गुलाबी अबीर, इत्र चढ़ाएं। मंत्र- ॐ मां हंसुवाहिनी नम:
वृश्चिक- सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करें। मंत्र -ॐ शारदे दैव्यै चन्द्रकान्ति नम:
धनु- श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाएं। मंत्र- ॐ जगती वीणावादिनी नम:
मकर- अरबा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करें। मंत्र- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम:
कुंभ- खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाएं। मंत्र- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम:
मीन- सफेद वस्त्र, पीला फूल, घी अर्पित करें। मंत्र- ॐ वरदायिनी मां भारती नम:


