December 5, 2025

उत्तराखंड ग्लेशियर टूटने के बाद बिहार में अलर्ट, पीएम मोदी-सीएम रावत ने किया मुआवजा का ऐलान

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CM नीतीश ने कहा- गंगा नदी पर भी पड़ सकता है असर


CENTRAL DESK : उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर टूट जाने से धौली नदी में बाढ़ आ गई। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद इस दर्दनाक हादसे में 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है। हालांकि अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है। इधर, अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है, जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। रावत ने कहा कि चमोली आपदा में सवा सौ के आसपास लोग लापता हो सकते हैं। अभी तक आईटीबीपी ने 10 शव को बरामद किया है और 16 लोगों को बचाया है।
पीएम मोदी-सीएम रावत ने किया मुआवजा का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार को 2-2 लाख और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिवार वालों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की बात कही है।
सीएम नीतीश ने अधिकारियों को किया अलर्ट
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में जो तबाही मची है, उसका असर हमारे राज्य पर भी पड़ सकता है, जिसे देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट करने के लिए कह दिया गया है। वहीं सीएम नीतीश ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की। नीतीश ने कहा कि मुझे उम्मीद है आप जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पाने में सफल होंगे। सीएम नीतीश ने आगे कहा कि जाहिर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद इसका असर गंगा नदी पर भी पड़ सकता है, इसलिए बिहार को भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। इस मामले पर उन्होंने संज्ञान लिया है और वे सभी अधिकारियों से संपर्क में हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड आपदा में फंसे लोगों और राहत व बचाव कार्यों में लगे लोगों के लिए प्रार्थना। इस आपदा में पूरा बिहार उत्तराखंड के लोगों के साथ है। हमारे अधिकारी उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क में हैं।
विभिन्न एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ की टीमें लोगों की मदद करने के लिए भेजी जा रही हैं। भारतीय सेना ने छह कॉलम (तकरीबन 600 जवान) को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भेजा है। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि दो एम-17 समेत तीन चॉपर और एक एएलएच ध्रुव चॉप देहरादून में है, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा सके। जरूरत लगने पर और अधिक चॉपर की सेवा ली जाएगी। इसके अलावा, सेना ने एनडीआरएफ और उत्तराखंड सरकार की मदद के लिए अपने चॉपर व अन्य जवानों को भी तैनात कर दिया है। सेना ने बताया कि ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों में भी शामिल हो गया है। सेना के मुख्यालय से लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है।
बड़े पैमाने पर तबाही की संभावना
बता दें राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई और पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है। अभी तक आईटीबीपी ने 10 शव को बरामद किया है और 16 लोगों को बचाया है।

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