रघुवंश-रामा दोनों के लिए ‘पॉलिटिकल स्ट्रेटजी’ कर रहे हैं राजद के रणनीतिकार
पटना।पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह पटना एम्स में अभी तक एडमिट है। फिलहाल वे पूरी तरह से कोरोना निगेटिव बताए जा रहे हैं।कुशल क्षेम पूछने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन भी आ चुका है।जिसे लेकर राजद के बड़े से लेकर छोटे स्तर के नेता तक उन्हें मनाने में दिलों जान से जुट गए हैं।फिलहाल वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह की इंट्री स्थगित कर दी गई है।मगर कहा जा रहा है की रघुवंश बाबू को मनाने के बाद रामा सिंह की भी राजद में आवाभगत जरूर होगी।दरअसल,राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रामा सिंह को अपने खेमे में लाना चाह रहे हैं।वैशाली जिले में राजपूत मतदाताओं में फिलहाल रघुवंश सिंह से अधिक रामा सिंह की पैठ मजबूत मानी जा रही है।राघोपुर में अपनी जीत कंफर्म करने के लिए तेजस्वी यादव को रामा सिंह की मदद आवश्यक मानी जा रही है।पिछले चुनाव में राजद-जदयू के एक साथ रहने के कारण तेजस्वी यादव आसानी से चुनाव जीत गए थे।मगर अभी तक राघोपुर से वे पूर्व मुख्यमंत्री तथा अपनी मां राबड़ी देवी की हार को भूले नहीं हैं।बताया जाता है कि राघोपुर की स्थिति अभी पूरी तरह से राजनीतिक परिदृश्य में उलझी हुई प्रतीत हो रही है। फरवरी 2016 में बाहुबली वृजनाथी सिंह की हत्या के बाद से ही जातीय समीकरण बदले हुए दिख रहे हैं।क्षेत्र में बड़ी संख्या में राजपूत मतदाता है।जिन्हें अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए राजद को रामा सिंह का समर्थन महत्वपूर्ण लग रहा है। दरअसल,रामा सिंह महनार से तीन बार विधायक रह चुके हैं तथा वैशाली से एक बार सांसद भी।पिछले लोकसभा चुनाव में ही रामा सिंह राजद के टिकट के लिए पटना से रांची दौड़ लगा रहे थे।शिवहर लोकसभा सीट पर बात बनते-बनते बिगड़ गई।मगर इस बार रामा सिंह के साथ साथ राजद को भी रामा सिंह की जरूरत महसूस हो रही है।फिलहाल अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक रघुवंश सिंह की नाराजगी दूर नहीं हुई है।मगर पार्टी के अंदर रांची में भी रघुवंश बाबू को मनाने के लिए राजद के वर्तमान रणनीतिकारों के द्वारा ‘पॉलिटिकल स्ट्रेटजी’ तैयार की जा रही है


