भाजपा विधायक ने ‘कटघरे’ में खड़ा कर दिया नीतीश सरकार के ‘विचार’ को, सरकारी आदेश लेकर कोटा से ले आए अपने पुत्र को

पटना।(बन बिहारी)कोरोना वायरस के संक्रमण की खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन में राजस्थान के कोटा शहर में फंसे बिहारी छात्रों को अपने राज्य वापस लाने के मुद्दे को लेकर बड़े पैमाने पर राजनीतिक तीरंदाजी की दौर जारी थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा से छात्रों को वापस लाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं दिख रहे हैं।मगर इसी बीच भाजपा विधायक अनिल सिंह बिहार सरकार के एसडीओ से आदेश प्राप्त कर अपने पुत्र को कोटा से बिहार ले आए।एक तरफ लॉक डाउन में राजस्थान के कोटा शहर में बिहार के हजारों छात्र फंसे हुए हैं।वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक के पुत्र सरकारी आदेश के तहत ही अपने गृह राज्य वापस आ जा रहे हैं।नवादा सदर एसडीओ के द्वारा जारी किए गए आदेश के तहत वाहन को लेकर विधायक अनिल सिंह अपने पुत्र को कोटा से लेकर आए। जिसके बाद बिहार में इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर जबरदस्त राजनीतिक हमला का दौर आरंभ हो गया।मीडिया के विभिन्न हलकों तथा सोशल मीडिया में नवादा एसडीओ द्वारा जारी किया गया आदेश जमकर वायरल हो रहा है।लोग सीधे कह रहे हैं कि एक तरफ तो नीतीश कुमार कोटा में फंसे बिहारी छात्रों के मदद के लिए तैयार नहीं है।वहीं दूसरी तरफ उनके ही गठबंधन के विधायक अपने पुत्र को सरकारी आदेश लेकर वापस ला रहे हैं।यह कैसी सरकार है? इस मामले से नीतीश सरकार के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के कोटा शहर में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को बसों के माध्यम से वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश ले जाया गया।राजस्थान सरकार ने कह दिया है कि जिन राज्यों के छात्र-छात्राएं कोटा में है,वह उन्हें ले जा सकते हैं।राज्य सरकार उन्हे पूरा सहयोग करेगी।इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर छात्रों को प्रदेश वापस लाया जाता है,तो लॉक डाउन टूट जाएगा।एक तरफ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा से छात्रों को लाए जाने के खिलाफ अपने विचार से सबों को अवगत करते करवा चुके हैं।मगर दूसरी तरफ उनके ही गठबंधन के विधायक नवादा एसडीओ से आदेश प्राप्त कर अपने पुत्र को कोटा से ले आते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा से विधायक पुत्र के साथ उसके मित्र भी आए हैं।हालांकि इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है।अब इस मामले को लेकर मीडिया विपक्ष समेत आमजन भी सोशल प्लेटफॉर्म्स पर नीतीश सरकार पर हमलावर हो गए हैं।

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