राजस्थान में कार से 150 किलो विस्फोटक बरामद, सुरक्षा एजेंसियों में मचा हड़कंप, दो गिरफ्तार
टोंक। राजस्थान के टोंक जिले में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इस घटना के सामने आने के बाद जिले से लेकर राज्य स्तर तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर की गई इस कार्रवाई ने यह सवाल खड़े कर दिए हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक आखिर कहां और किस उद्देश्य से ले जाया जा रहा था।
खुफिया सूचना के बाद शुरू हुई कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जिला स्पेशल टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि एनएच-52 के रास्ते एक कार में विस्फोटक सामग्री की तस्करी की जा रही है। इस इनपुट को गंभीरता से लेते हुए डीएसटी प्रभारी ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इसके बाद बरौनी थाना क्षेत्र में नाकाबंदी की गई, ताकि संदिग्ध वाहनों की जांच की जा सके।
नाकाबंदी के दौरान पकड़ी गई संदिग्ध कार
नाकाबंदी के दौरान पुलिस की नजर एक मारुति सियाज कार पर पड़ी, जो संदिग्ध तरीके से गुजर रही थी। पुलिस ने जब कार को रोककर चालक और उसमें सवार लोगों से पूछताछ की, तो उनके जवाब संतोषजनक नहीं लगे। इसके बाद पुलिस ने वाहन की गहन तलाशी लेने का फैसला किया।
यूरिया की बोरियों में छुपा था अमोनियम नाइट्रेट
कार की तलाशी के दौरान पुलिस को यूरिया खाद के कई कट्टे दिखाई दिए। पहली नजर में यह सामान्य कृषि उपयोग की खाद प्रतीत हो रही थी, लेकिन जब पुलिस ने कट्टों को खोलकर देखा तो अंदर से भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। कुल मिलाकर लगभग 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट कार में छुपाकर रखा गया था।
अन्य खतरनाक सामग्री भी हुई बरामद
पुलिस की कार्रवाई केवल अमोनियम नाइट्रेट तक सीमित नहीं रही। तलाशी के दौरान कार से 200 डेंजर एक्सप्लोसिव कार्टेज भी बरामद किए गए। इसके साथ ही सेफ्टी फ्यूज वायर के छह बंडल मिले, जिनकी कुल लंबाई लगभग 1100 मीटर से अधिक बताई जा रही है। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक और उससे जुड़ी सामग्री मिलने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
दो आरोपियों की गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बूंदी जिले के निवासी सुरेंद्र पुत्र भंवर लाल पटवा और सुरेंद्र मोची पुत्र दुलीलाल के रूप में हुई है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये लोग विस्फोटक सामग्री कहां से लेकर आए थे और इसका अंतिम गंतव्य क्या था।
सप्लाई नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह विस्फोटक सामग्री बूंदी से टोंक की ओर सप्लाई की जा रही थी। हालांकि, इसका इस्तेमाल किस उद्देश्य से होना था, इस बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस को आशंका है कि इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस सप्लाई चेन और इससे जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
डीएसपी ने दी जानकारी
टोंक के डीएसपी मृत्युंजय मिश्रा ने मीडिया को बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से खुफिया सूचना के आधार पर की गई। उन्होंने कहा कि एक मारुति सियाज कार से 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 200 विस्फोटक कार्टेज और करीब 1100 मीटर से अधिक फ्यूज वायर बरामद की गई है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों में बढ़ी चिंता
इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल आमतौर पर खनन और औद्योगिक कार्यों में किया जाता है, लेकिन गलत हाथों में पड़ने पर यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं इसका इस्तेमाल किसी आपराधिक या विध्वंसक गतिविधि के लिए तो नहीं किया जाना था।
इलाके में सतर्कता बढ़ी
घटना के बाद टोंक जिले और आसपास के इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। प्रमुख सड़कों और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त जांच और निगरानी की जा रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
आगे की कार्रवाई पर नजर
फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि इससे विस्फोटक तस्करी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकेगा। जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस मामले के तार किसी अन्य जिले या राज्य से जुड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में इस कार्रवाई से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।


