साल के आखिरी मंगलवार को महावीर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 40 हज़ार से अधिक भक्तों ने किया दर्शन
पटना। प्रसिद्ध महावीर मंदिर में साल के आखिरी मंगलवार को श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था और यह सिलसिला दिन चढ़ने के साथ लगातार बढ़ता गया। हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ ने पूरे इलाके को भक्तिमय माहौल से भर दिया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, दोपहर तक ही 40 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे और शाम तक यह संख्या और बढ़ने की संभावना जताई गई।
सुबह से लगी लंबी कतारें
मंगलवार की सुबह तड़के ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर के बाहर लगनी शुरू हो गई थीं। ठंड के बावजूद भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। कोई परिवार के साथ आया था तो कोई अकेले ही बाबा के दर्शन की लालसा लिए कतार में खड़ा नजर आया। साल का आखिरी मंगलवार होने के कारण भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया। कई श्रद्धालु इसे वर्ष का अंतिम मंगल दर्शन मानकर मंदिर पहुंचे थे।
मंदिर प्रबंधन की विशेष व्यवस्था
भीड़ को देखते हुए महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से विशेष व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। मंदिर परिसर और आसपास पुलिस बल की तैनाती की गई थी। प्रबंधन ने यह व्यवस्था लागू की थी कि जो भक्त प्रसाद चढ़ाने आए हैं, उन्हें ही मुख्य लाइन में प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं अन्य भक्त साइड लाइन से दर्शन कर बाहर निकल रहे हैं, जिससे भीड़ का दबाव नियंत्रित रखा जा सके।
श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति
मंदिर परिसर में भक्तों की भक्ति अलग-अलग रूपों में दिखाई दी। कुछ श्रद्धालु हनुमान जी के चरणों में प्रसाद अर्पित कर रहे थे, तो कुछ दीया जलाकर अपनी मनोकामनाएं मांगते नजर आए। कई भक्त मंदिर प्रांगण में बैठकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते दिखे। वातावरण पूरी तरह से भक्ति और शांति से भरा हुआ था। जय बजरंगबली के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा।
नए साल को लेकर विशेष उत्साह
साल के आखिरी मंगलवार के साथ-साथ नए साल को लेकर भी भक्तों में खास उत्साह देखा गया। मंदिर प्रबंधन ने नए साल के मद्देनजर विशेष तैयारियां की हैं। बताया गया कि 1 जनवरी को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, इसलिए व्यवस्थाओं को और मजबूत किया गया है। श्रद्धालु साल के अंतिम दिनों में बाबा का आशीर्वाद लेकर नए साल की शुरुआत शुभ करने की कामना कर रहे हैं।
दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु
महावीर मंदिर में केवल पटना ही नहीं, बल्कि बिहार के अलग-अलग जिलों और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचे। अररिया से आए एक भक्त ने बताया कि वह खास तौर पर साल के आखिरी मंगलवार को दर्शन करने के लिए पटना आए हैं। उन्होंने कहा कि 2025 का यह अंतिम मंगल दर्शन है और यहां आकर उन्हें सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो रहा है। उनका मानना है कि बीता साल अच्छा रहा और बाबा के आशीर्वाद से आने वाला 2026 भी बेहतर होगा।
नियमित दर्शन करने वाले भक्त
कई ऐसे श्रद्धालु भी दिखे जो हर मंगलवार महावीर मंदिर आने की कोशिश करते हैं। एक भक्त ने बताया कि वह पहले भी कई बार दर्शन के लिए आ चुके हैं, लेकिन साल के आखिरी मंगलवार का महत्व अलग होता है। इस दिन दर्शन करने से मन को विशेष शांति मिलती है। भक्तों का कहना था कि बाबा सब जानते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं, इसी विश्वास के साथ वे बार-बार यहां आते हैं।
अनुशासन और सहयोग से बनी व्यवस्था
भारी भीड़ के बावजूद मंदिर परिसर में अनुशासन बना हुआ था। श्रद्धालु एक-दूसरे का सहयोग करते हुए लाइन में आगे बढ़ते नजर आए। स्वयंसेवक और मंदिर के कर्मचारी लगातार लोगों को दिशा-निर्देश दे रहे थे ताकि किसी को परेशानी न हो। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए भी विशेष ध्यान रखा जा रहा था। इस कारण भीड़ होने के बावजूद दर्शन की प्रक्रिया अपेक्षाकृत सुचारू बनी रही।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महावीर मंदिर बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। मंगलवार के दिन यहां दर्शन का विशेष महत्व होता है। साल के आखिरी मंगलवार पर यह महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि लोग पूरे वर्ष के लिए बाबा को धन्यवाद देने और आने वाले वर्ष के लिए आशीर्वाद मांगने आते हैं। यह दिन भक्तों के लिए आत्मिक संतोष और नई उम्मीदों का प्रतीक बन जाता है।
शाम तक और बढ़ेगी भीड़
मंदिर प्रबंधन का कहना है कि शाम के समय भी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। कार्यालयों और अन्य कार्यों से फुर्सत पाने के बाद बड़ी संख्या में लोग शाम को दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 50 हजार से भी अधिक हो सकती है। साल के आखिरी मंगलवार को पटना के महावीर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने यह साबित कर दिया कि आस्था और विश्वास समय और परिस्थितियों से परे होते हैं। हजारों लोग बाबा के दर्शन कर मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा लेकर लौटते नजर आए। यह दृश्य न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि नए साल के स्वागत से पहले उम्मीदों और विश्वास से भरा एक सुंदर संदेश भी दे रहा था।


