पटना में दर्दनाक हादसा, मालगाड़ी की चपेट में आने से पॉइंट मैन की मौत
पटना। पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल स्थित एनटीपीसी प्लांट में एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया है। मालगाड़ी की चपेट में आने से ड्यूटी पर तैनात एक पॉइंट मैन की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब वे मालगाड़ी को साइड करवा रहे थे। अचानक संतुलन बिगड़ने या तकनीकी चूक के कारण वे ट्रेन के पहिए के नीचे आ गए। हादसे के बाद पूरे प्लांट में अफरा-तफरी मच गई और कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई।
मृतक की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
हादसे में जान गंवाने वाले पॉइंट मैन की पहचान चिंतामनचक निवासी इंद्रदेव चौहान के रूप में हुई है। वे पहले रेलवे से रिटायर हो चुके थे और इसके बाद एनटीपीसी प्लांट में काम कर रहे थे। परिवार के लिए वे एक मजबूत सहारा थे। उनके निधन की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में शोक का माहौल है।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, इंद्रदेव चौहान ड्यूटी के दौरान मालगाड़ी को साइड करवाने की प्रक्रिया में लगे हुए थे। इसी दौरान किसी कारणवश वे मालगाड़ी के बेहद करीब आ गए और ट्रेन की चपेट में आकर पहिए के नीचे दब गए। यह हादसा इतना अचानक था कि मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारी कुछ समझ पाते, उससे पहले ही गंभीर चोटें लग चुकी थीं। घटना ने कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
तत्काल इलाज की कोशिश
हादसे के बाद मौके पर मौजूद स्टाफ ने बिना देर किए इंद्रदेव चौहान को एनटीपीसी अस्पताल पहुंचाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए पटना रेफर कर दिया। एंबुलेंस से उन्हें पटना ले जाया जा रहा था, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। यह खबर मिलते ही परिजन और सहकर्मी स्तब्ध रह गए।
बेटे का बयान और परिजनों की पीड़ा
मृतक के पुत्र संजीत चौहान ने बताया कि उनके पिता सोमवार दोपहर करीब 2 बजे ड्यूटी के लिए घर से निकले थे। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद परिवार को तुरंत जानकारी नहीं दी गई और मिलने तक की इजाजत भी नहीं दी गई। इस बात को लेकर परिजनों में नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि समय पर सही सूचना और बेहतर व्यवस्था होती तो शायद स्थिति कुछ और हो सकती थी।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोग और प्लांट के आसपास रहने वाले लोग काफी आक्रोशित नजर आए। उनका कहना है कि इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों में अपेक्षित सुधार नहीं किया गया। लोगों ने मांग की कि घटना की निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और सहायता देने की भी मांग उठी।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में थानाध्यक्ष कुमार प्रजापति ने बताया कि जख्मी व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान पटना ले जाने के क्रम में हो गई। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हादसा मानवीय भूल के कारण हुआ या फिर सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की कमी थी। आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एनटीपीसी प्रबंधन की प्रतिक्रिया
एनटीपीसी के पीआरओ विकास धर द्विवेदी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि प्लांट में एक दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की आंतरिक जांच भी की जा रही है और सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा। हालांकि, परिजन और स्थानीय लोग चाहते हैं कि केवल औपचारिक बयान नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कार्यस्थल सुरक्षा पर उठे सवाल
हादसा एक बार फिर औद्योगिक और रेलवे से जुड़े कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों की अहमियत को रेखांकित करता है। पॉइंट मैन जैसे जिम्मेदार पद पर काम करने वाले कर्मचारी को हर कदम पर सतर्कता और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित प्रशिक्षण, आधुनिक सुरक्षा उपकरण और स्पष्ट कार्यप्रणाली से ऐसे हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है।
मुआवजे और सहायता की मांग
मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों और सहकर्मियों ने एनटीपीसी प्रबंधन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि इंद्रदेव चौहान ने वर्षों तक सेवा दी और अब उनके परिवार को सहारे की जरूरत है। उचित मुआवजा, परिवार के किसी सदस्य को नौकरी या अन्य सहायता देने की मांग भी उठ रही है। बाढ़ अनुमंडल के एनटीपीसी प्लांट में हुआ यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि व्यवस्था के लिए भी एक चेतावनी है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएं, उनके आधार पर ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। मृतक के परिवार को न्याय और सहायता मिले, यही इस दुखद घटना के बाद समाज और प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।


