पटना में फिर एक्टिव हुआ स्विफ्ट डिजायर गैंग: जंक्शन के बाहर एक को गाड़ी में बिठाया, रुपए एटीएम कार्ड और लुटा मोबाइल
पटना। राजधानी पटना में एक बार फिर ठगी करने वाला कुख्यात स्विफ्ट डिजायर गैंग सक्रिय हो गया है। यह गैंग पहले भी पटना जंक्शन और आसपास के इलाकों में यात्रियों को निशाना बनाता रहा है। ताजा मामले में नालंदा जिले के रहने वाले रामप्रवेश शर्मा इस गिरोह का शिकार हो गए। शातिरों ने भरोसे में लेकर उन्हें कार में बैठाया, घुमाया और फिर नकद रुपये, एटीएम कार्ड, पिन और मोबाइल लेकर फरार हो गए। इस घटना ने रेलवे स्टेशन के आसपास यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रेन से उतरते ही शुरू हुई ठगी की पटकथा
शुक्रवार की देर शाम रामप्रवेश शर्मा ट्रेन से पटना जंक्शन पहुंचे। स्टेशन से बाहर निकलते ही उनकी मुलाकात एक अनजान व्यक्ति से हुई। सामान्य बातचीत के दौरान उस व्यक्ति ने उनसे पूछा कि उन्हें कहां जाना है। रामप्रवेश ने बताया कि उन्हें नालंदा जाना है। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि वह भी नालंदा ही जा रहा है और दोनों साथ चल सकते हैं। बातचीत को सहज बनाते हुए उसने भरोसा दिलाया कि उसके भाई कार से रिसीव करने आने वाले हैं और चाहें तो रामप्रवेश भी उसी कार में बैठ सकते हैं।
भरोसे का जाल और मीठापुर तक की यात्रा
इस बातचीत के बाद दोनों साथ-साथ चलते हुए मीठापुर पहुंचे। वहां पहले से एक स्विफ्ट डिजायर कार खड़ी थी। कार में बैठते ही रामप्रवेश को यह एहसास नहीं हुआ कि वह ठगी का शिकार होने वाले हैं। कार में बैठने के बाद शातिरों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में गाड़ी घुमानी शुरू कर दी। कुछ देर बाद वे रामकृष्णा नगर इलाके के बाईपास की ओर बढ़ गए। इस दौरान कार में मौजूद लोग लगातार बातचीत के जरिए रामप्रवेश को उलझाते रहे।
करोड़ों की रकम का डर दिखाकर की गई ठगी
रामप्रवेश के अनुसार, कार में बैठे शातिरों ने अचानक एक नई कहानी गढ़ दी। उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में एक मैडम इस गाड़ी में बैठने वाली हैं, जिनके पास एक करोड़ रुपये हैं। उन्होंने डर दिखाया कि अगर रामप्रवेश के पास मौजूद रुपये उनसे मैच कर गए तो वह कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं। इसी बहाने उन्होंने रामप्रवेश से कहा कि जो भी नकदी और कीमती सामान है, वह पहले उन्हें दे दें ताकि कोई समस्या न हो।
नकदी, एटीएम कार्ड और मोबाइल लेकर हुए गायब
डर और भ्रम की स्थिति में रामप्रवेश ने शातिरों की बातों पर भरोसा कर लिया। उन्होंने 5000 रुपये नकद, अपना एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और यहां तक कि एटीएम का पिन भी उन्हें दे दिया। शातिरों ने भरोसा दिलाया कि जैसे ही मैडम गाड़ी में बैठेंगी, रामप्रवेश उन्हें प्रणाम कर लें और फिर वापस गाड़ी में बैठ जाएं। इसी बहाने उन्होंने रामप्रवेश को कार से नीचे उतार दिया।
मौका मिलते ही भाग निकले शातिर
जैसे ही रामप्रवेश कार से नीचे उतरे, शातिर तेजी से कार लेकर फरार हो गए। कुछ ही पलों में रामप्रवेश समझ गए कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। बाद में पता चला कि शातिरों ने उनके एटीएम कार्ड से 15-15 हजार रुपये की कई ट्रांजेक्शन कर कुल एक लाख रुपये निकाल लिए हैं। इस तरह कुछ ही समय में रामप्रवेश को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
पीड़ित की आपबीती और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रामप्रवेश शर्मा ने बताया कि वह गोवा में एक शिप बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं। साले के बेटे का निधन हो गया था, जिसके दाह संस्कार में शामिल होने के लिए वे गोवा से घर लौट रहे थे। इस दुखद स्थिति में घर पहुंचने से पहले ही वे ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने कहा कि शातिरों ने इतनी सफाई से बातों में उलझाया कि उन्हें शक करने का मौका ही नहीं मिला।
पुलिस में शिकायत और जांच शुरू
घटना के बाद रामप्रवेश ने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यह गैंग पहले भी पटना जंक्शन के आसपास इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और कार के नंबर समेत अन्य सुराग जुटाने की कोशिश कर रही है।
पहले भी सक्रिय रहा है यह गिरोह
स्विफ्ट डिजायर गैंग का नाम पटना में नया नहीं है। इससे पहले भी कई यात्रियों के साथ इसी तरह की ठगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। गैंग का तरीका लगभग एक जैसा रहता है। वे अकेले यात्रियों को निशाना बनाते हैं, भरोसे में लेते हैं और फिर डर या लालच दिखाकर उनसे नकदी और कीमती सामान हड़प लेते हैं।
यात्रियों के लिए चेतावनी और सावधानी जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर यात्रियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अनजान लोगों की बातों में आना भारी पड़ सकता है। पुलिस भी लगातार लोगों से अपील करती रही है कि किसी अनजान व्यक्ति के साथ कार या वाहन में न बैठें और अपने एटीएम कार्ड व पिन की जानकारी किसी को न दें। पटना में स्विफ्ट डिजायर गैंग की दोबारा सक्रियता ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। रामप्रवेश शर्मा के साथ हुई ठगी यह दिखाती है कि शातिर किस तरह मानवीय भरोसे और मजबूरी का फायदा उठाते हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि पुलिस इस मामले में जल्द कार्रवाई कर गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करेगी। वहीं आम लोगों के लिए यह घटना एक सबक है कि सफर के दौरान सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।


