पटना में दो विश्वविद्यालयों के निर्माणाधीन भवन का मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के मीठापुर क्षेत्र में निर्माणाधीन बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के भवनों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दोनों विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और संबंधित विभागों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि राज्य में उच्च और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी तथा चिकित्सा शिक्षा के लिए बनाए जा रहे इन संस्थानों का निर्माण कार्य समय पर और बेहतर गुणवत्ता के साथ पूरा हो।
अधिकारियों से ली गई विस्तृत जानकारी
निरीक्षण के दौरान विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस. वर्मा ने बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के निर्माण से जुड़ी जानकारियां मुख्यमंत्री को दीं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की स्थिति, संरचना और उपयोगिता से संबंधित विवरण साझा किया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि दोनों परियोजनाएं तय मानकों के अनुरूप आगे बढ़ रही हैं और निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है।
उच्च शिक्षा को मजबूत करने की सरकार की मंशा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण के दौरान कहा कि बिहार के छात्र और छात्राओं को राज्य में ही उच्च स्तरीय तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रों को बाहर के राज्यों में जाने की मजबूरी न हो, इसके लिए बिहार में ही बेहतर शैक्षणिक संस्थान विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दोनों विश्वविद्यालयों के सभी निर्माणाधीन ढांचों का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।
मीठापुर क्षेत्र का शैक्षणिक विकास
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मीठापुर क्षेत्र पहले ही शिक्षा के बड़े केंद्र के रूप में विकसित हो चुका है। यहां चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी और मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान मौजूद हैं। बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के बाद यह क्षेत्र और भी आकर्षक तथा शैक्षणिक दृष्टि से सशक्त बनेगा।
बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय का स्वरूप
बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई 2022 को की गई थी। इसके भवन निर्माण के लिए मीठापुर में पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई है। विश्वविद्यालय का मुख्य भवन चार मंजिला होगा, जिसका कुल निर्मित क्षेत्रफल 1,11,732 वर्गफुट है। भवन के भूतल पर डीन कार्यालय, रजिस्ट्रार कार्यालय, कैफेटेरिया और अन्य प्रशासनिक कार्यालय बनाए जा रहे हैं। प्रथम तल पर कुलपति कार्यालय, बैठक कक्ष और मूल्यांकन केंद्र की व्यवस्था की जा रही है। द्वितीय तल पर कार्यालय कक्ष, मूल्यांकन केंद्र और भंडारगृह होंगे, जबकि तृतीय तल पर अभिलेखागार और भंडारण की सुविधा रहेगी। चतुर्थ तल पर मूल्यांकन केंद्र और दो बड़े बहुउद्देशीय हॉल बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा परिसर में एक अतिथि गृह का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें आठ कमरे और चार सुइट होंगे। एक केयर टेकर आवास भी परिसर में शामिल है।
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की परियोजना
राज्य में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सात निश्चय-2 योजना के तहत बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इसके नए भवन का कुल क्षेत्रफल 27,567 वर्गमीटर है। यह परियोजना दो भागों में विभाजित है। पहले भाग में मुख्य विश्वविद्यालय भवन शामिल है, जिसका क्षेत्रफल 12,645 वर्गमीटर है। इसमें प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन, परीक्षा कक्ष, औषधालय, बहुउद्देशीय मंच, प्रतीक्षालय, सूचना केंद्र, नामांकन शाखा, कुलाधिपति कक्ष और प्रशिक्षण सह स्थानन शाखा जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। दूसरे भाग में उपभवन शामिल है, जिसका क्षेत्रफल 14,922 वर्गमीटर है। इसमें कुलपति आवास, विश्वविद्यालय अतिथि गृह और बहुउद्देशीय सभागार की व्यवस्था की गई है।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता और समयबद्धता पर जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों से भविष्य में बड़ी संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ निकलेंगे, इसलिए भवनों की गुणवत्ता और सुविधाएं सर्वोच्च स्तर की होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने से छात्रों और शिक्षकों को समय पर इन सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस. वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. चंद्रेशखर सिंह, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नीलेश रामचन्द्र देवरे, पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम., बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश कांत वर्मा और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिंदे कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
भविष्य की शिक्षा व्यवस्था की दिशा
मुख्यमंत्री के इस निरीक्षण को राज्य में उच्च शिक्षा को नई दिशा देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इन दोनों विश्वविद्यालयों के पूरी तरह चालू होने के बाद बिहार में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा का स्तर और मजबूत होगा। इससे न केवल छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।


