पटना में सरकारी बसों के लिए शुरू होगी नई व्यवस्था, रूट चार्ट पर होगा परिचालन, नए साल से शुरुआत
पटना। पटना की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अब धीरे-धीरे आधुनिक महानगरों की तर्ज पर ढलने जा रही है। लंबे समय से शहर में सरकारी बसों के अनियमित संचालन, रूट की स्पष्ट जानकारी के अभाव और बस स्टॉप पर असमंजस की स्थिति को लेकर यात्रियों को परेशानी होती रही है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने एक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो नए साल से प्रभावी होगी। इस नई व्यवस्था के तहत राजधानी में चलने वाली सरकारी बसों का संचालन पूरी तरह रूट चार्ट और रूट नंबर आधारित होगा।
रूट नंबर से पहचानी जाएंगी सरकारी बसें
नई व्यवस्था की सबसे अहम खासियत यह होगी कि पटना में चलने वाली हर सरकारी बस को एक निर्धारित रूट नंबर दिया जाएगा। अब बसों की पहचान केवल उनके रंग या गंतव्य के नाम से नहीं, बल्कि तय रूट नंबर से होगी। किस नंबर की बस किस इलाके में जाएगी, उसका समय क्या होगा और वह किन-किन बस स्टॉप पर रुकेगी, इसकी पूरी जानकारी यात्रियों को पहले से उपलब्ध कराई जाएगी। इससे खासकर नए यात्रियों और बाहर से आने वाले लोगों को बस पकड़ने में काफी सहूलियत मिलेगी।
बस स्टॉप पर मिलेगी पूरी जानकारी
परिवहन प्राधिकरण की योजना के अनुसार, शहर के सभी प्रमुख बस स्टॉप पर यह जानकारी प्रदर्शित की जाएगी कि उस स्टॉप से कौन-कौन सी रूट नंबर की बसें गुजरेंगी। इसके साथ ही बसों के संभावित समय और गंतव्य की जानकारी भी दी जाएगी। अभी की स्थिति यह है कि कई बस स्टॉप मौजूद होने के बावजूद बसें वहां नियमित रूप से नहीं रुकतीं, जिससे यात्रियों को अंदाजा नहीं लग पाता कि उन्हें कहां खड़ा होना है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह भ्रम खत्म होने की उम्मीद है।
फिलहाल चल रही बसों का स्वरूप
वर्तमान समय में गांधी मैदान से पटना के विभिन्न इलाकों के अलावा पटना एम्स, बिहटा और हाजीपुर जैसे बाहरी क्षेत्रों के लिए लगभग 140 सरकारी बसें संचालित हो रही हैं। इनमें कुछ बसें सीमित रूप से रूट नंबर के साथ चलाई जा रही हैं। जैसे हाजीपुर के लिए 444 नंबर की बस, बिहटा के लिए 888 नंबर, पटना एम्स के लिए 222 नंबर और बेली रोड पर 111-ए नंबर की बस। हालांकि ये नंबर पूरे सिस्टम के तहत नहीं, बल्कि आंशिक प्रयोग के तौर पर लागू किए गए हैं। नई योजना के तहत इन रूट नंबरों की पुनर्समीक्षा होगी और नए मार्गों के लिए अलग-अलग नंबर तय किए जाएंगे।
बस स्टॉप आधारित संचालन की व्यवस्था
नई व्यवस्था में बसों का संचालन पूरी तरह बस स्टॉप आधारित होगा। यात्रियों को केवल निर्धारित बस स्टॉप पर ही बस में चढ़ने और उतरने की अनुमति होगी। सड़क के बीच या मनचाही जगह पर बस रोकने की प्रवृत्ति पर पूरी तरह रोक लगेगी। यदि चालक या कंडक्टर तय नियमों का उल्लंघन करते पाए गए, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसका मकसद केवल अनुशासन लागू करना नहीं, बल्कि ट्रैफिक जाम और सड़क हादसों की संभावना को भी कम करना है।
वर्तमान में मौजूद समस्याएं
पटना शहर में फिलहाल 103 सरकारी बस स्टॉप चिह्नित किए गए हैं, लेकिन इनका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। कई बार चालक बस स्टॉप से आगे या पीछे बस रोक देते हैं या यात्रियों के कहने पर कहीं भी बस खड़ी कर देते हैं। इससे न केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। नई व्यवस्था में इन सभी खामियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
ऑटो और ई-रिक्शा संचालन में भी बदलाव
सिर्फ सरकारी बसों ही नहीं, बल्कि ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन में भी नए साल से बदलाव देखने को मिलेगा। ऑटो के लिए जोन वाइज परमिट जारी किए जाएंगे। पूरे शहर को तीन जोन में बांटा जाएगा और जिस जोन का परमिट होगा, ऑटो उसी क्षेत्र में चल सकेगा। इससे एक ही मार्ग पर अत्यधिक ऑटो की भीड़ कम होगी और यातायात सुचारु रहेगा। वहीं ई-रिक्शा को मुख्य सड़कों के बजाय मोहल्लों और आंतरिक संपर्क मार्गों तक सीमित रखने की योजना है, ताकि प्रमुख सड़कों पर दबाव कम हो सके।
प्रशासन की मंशा और तैयारी
प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर ने बताया है कि परिवहन प्राधिकरण इस पूरी व्यवस्था को व्यवस्थित ढंग से लागू करने में जुटा है। बस स्टॉप, रूट चार्ट और रूट नंबर से जुड़ी जानकारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि जब यात्रियों को यह पता होगा कि कौन सी बस कहां और किस समय मिलेगी, तो सार्वजनिक परिवहन के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।
यातायात व्यवस्था में अपेक्षित सुधार
नई व्यवस्था लागू होने के बाद पटना की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है। सरकारी बसों का नियमित और अनुशासित संचालन निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करेगा। इससे न केवल ट्रैफिक जाम में कमी आएगी, बल्कि प्रदूषण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही यात्रियों को सुरक्षित, सुलभ और समयबद्ध परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
नए साल से लागू होगी व्यवस्था
प्रशासन के अनुसार, यह पूरी व्यवस्था नए साल से चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। शुरुआत में कुछ प्रमुख रूटों पर इसे प्रभावी किया जाएगा, जिसके बाद धीरे-धीरे पूरे शहर में यह प्रणाली लागू होगी। यदि यह योजना सफल रहती है, तो पटना की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक नए और बेहतर दौर में प्रवेश करेगी, जो राजधानी को आधुनिक शहरों की कतार में खड़ा करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।


