December 23, 2025

पटना में ऑटो लिफ्टर गैंग के पांच अपराधी गिरफ्तार, यात्रियों से करते थे लूटपाट, चोरी का मोबाइल बरामद

पटना। राजधानी में बढ़ती लूटपाट की घटनाओं के बीच पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर इलाके में सक्रिय ऑटो लिफ्टर गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। यह गिरोह ऑटो के जरिए यात्रियों को निशाना बनाता था और उनसे मोबाइल व अन्य कीमती सामान लूटकर फरार हो जाता था। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से चोरी और लूट के कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
मीठापुर बाईपास से शुरू हुई कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मीठापुर बाईपास इलाके में एक ऑटो संदिग्ध रूप से खड़ा रहता है। इस ऑटो में बैठने वाले यात्रियों के साथ रास्ते में लूटपाट की जाती है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए जक्कनपुर थाना पुलिस ने इलाके में सघन जांच अभियान शुरू किया। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो ऑटो के पास दो युवक खड़े दिखाई दिए। पुलिस को देखते ही दोनों युवक घबराकर इधर-उधर तेजी से बढ़ने लगे और फिर भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों को पकड़ लिया।
पूछताछ में खुला पूरा नेटवर्क
पकड़े गए दोनों युवकों को थाने लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। दोनों ने स्वीकार किया कि वे ऑटो लिफ्टर गैंग के सदस्य हैं और लंबे समय से यात्रियों को निशाना बना रहे थे। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने तीन अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार किया, जिनमें दो नाबालिग शामिल हैं। इस तरह कुल पांच अपराधियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। फिलहाल सभी से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार मुख्य आरोपियों की पहचान विनय कुमार और सूरज कुमार के रूप में हुई है। विनय कुमार वैशाली जिले के राघोपुर का रहने वाला है, जबकि सूरज कुमार पटना जिले के धनरूआ का निवासी है। हालांकि दोनों फिलहाल पटना के अलग-अलग इलाकों में किराए के मकान में रह रहे थे। विनय कंकड़बाग इलाके में और सूरज रामकृष्णा नगर में रेंटर के रूप में रह रहा था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इन दोनों में से एक का पहले से आपराधिक इतिहास भी रहा है।
अपराध करने का तरीका
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दिन और शाम के समय मीठापुर और आसपास के इलाकों में ऑटो लेकर खड़े रहते थे। जैसे ही कोई राहगीर या यात्री ऑटो में बैठता, उसे सुनसान रास्ते की ओर ले जाया जाता था। वहां डराने-धमकाने के बाद यात्रियों से मोबाइल, नकदी और अन्य सामान लूट लिया जाता था। कई बार विरोध करने पर मारपीट भी की जाती थी। वारदात के बाद आरोपी आसानी से फरार हो जाते थे, जिससे पीड़ित पुलिस तक पहुंच भी नहीं पाते थे।
नाबालिगों की भूमिका
इस गिरोह में दो नाबालिगों की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस के अनुसार, लूटे गए मोबाइल फोन इन नाबालिगों को सौंप दिए जाते थे। नाबालिग इन मोबाइलों को अलग-अलग जगहों पर बेचते थे और उससे मिले पैसे मुख्य आरोपियों को दे देते थे। इस तरह नाबालिगों का इस्तेमाल मोबाइल बेचने और सबूत मिटाने के लिए किया जाता था। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इन नाबालिगों को अपराध की दुनिया में कौन लेकर आया और इनके पीछे कौन लोग हैं।
पचास से अधिक मोबाइल लूटने का दावा
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने दावा किया है कि वे अब तक 50 से अधिक मोबाइल फोन लूट चुके हैं। हालांकि पुलिस इस आंकड़े की पुष्टि करने में जुटी है। बरामद मोबाइलों को जब्त कर लिया गया है और उनके मालिकों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि कई पीड़ितों ने अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, लेकिन इस खुलासे के बाद और भी मामले सामने आ सकते हैं।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
जक्कनपुर पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह के तार पटना के अन्य इलाकों या किसी बड़े अपराधी नेटवर्क से जुड़े हैं या नहीं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि और जानकारी हासिल की जा सके। नाबालिगों के मामले में किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
शहरवासियों के लिए चेतावनी
इस घटना के बाद पुलिस ने आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। खासकर रात और सुनसान इलाकों में ऑटो या अन्य साधनों से यात्रा करते समय सावधानी बरतने को कहा गया है। पुलिस ने यह भी कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। मीठापुर इलाके में ऑटो लिफ्टर गैंग का भंडाफोड़ पटना पुलिस की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इस कार्रवाई से न सिर्फ यात्रियों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि अपराधियों में भी पुलिस का डर पैदा होगा। हालांकि, यह मामला यह भी दिखाता है कि शहर में अपराधी किस तरह नए-नए तरीके अपनाकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस और आम लोगों दोनों की सतर्कता ही अपराध पर अंकुश लगाने का सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकती है।

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