December 23, 2025

जदयू का बड़ा दावा, नीरज कुमार बोले- राजद के कई विधायक जल्द छोड़ेंगे पार्टी

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड की ओर से राष्ट्रीय जनता दल को लेकर बड़ा दावा किया गया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि राजद के कई विधायक अपनी पार्टी से असंतुष्ट हैं और आने वाले समय में वे पार्टी छोड़ सकते हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्यसभा की कुछ सीटें भी खाली होने वाली हैं और राजनीतिक जोड़-तोड़ की अटकलें तेज हैं। जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान राजद पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजद के अंदर इस समय भारी बेचैनी का माहौल है। कई विधायक अपने नेतृत्व से नाराज हैं और उन्हें पार्टी के भीतर कोई राजनीतिक भविष्य नजर नहीं आ रहा है। नीरज कुमार के अनुसार, यही कारण है कि राजद के कुछ विधायक लगातार दूसरे दलों के संपर्क में हैं और जल्द ही बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकता है।
राजद विधायकों की नाराजगी का दावा
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि राजद के कई विधायक लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हैं। पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया कुछ सीमित लोगों तक सिमट गई है, जिससे जमीनी स्तर पर काम करने वाले विधायक खुद को हाशिये पर महसूस कर रहे हैं। उनका दावा है कि पार्टी नेतृत्व केवल चुनिंदा चेहरों पर भरोसा कर रहा है, जबकि बाकी विधायकों की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसी असंतोष ने राजद विधायकों को दूसरे विकल्प तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है।
जदयू के संपर्क में विधायक
जदयू नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि राजद के कई विधायक जदयू और एनडीए के नेताओं के संपर्क में हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन संकेत दिया कि बातचीत का सिलसिला लगातार जारी है। नीरज कुमार ने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता और सही समय आने पर सभी बातें सामने आ जाएंगी। उनके इस बयान को राजद में संभावित टूट के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता
नीरज कुमार के अनुसार, राजद के कई विधायक यह महसूस कर रहे हैं कि पार्टी में उनके लिए आगे बढ़ने के अवसर सीमित होते जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी के भीतर असंतोष की खबरें आती रही हैं। कुछ विधायक यह मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व की रणनीति और फैसले जमीनी सच्चाइयों से कटे हुए हैं, जिसका नुकसान भविष्य में उन्हें ही उठाना पड़ सकता है। इसी कारण वे अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं।
राज्यसभा की खाली सीटों पर नजर
मीडिया से बातचीत के दौरान नीरज कुमार ने राज्यसभा की राजनीति पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें जल्द ही खाली होने जा रही हैं और एनडीए की नजर उन सभी सीटों पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सीटों को लेकर अंतिम फैसला एनडीए का शीर्ष नेतृत्व करेगा। जदयू प्रवक्ता के इस बयान से यह संकेत भी मिलते हैं कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़े समीकरण बन सकते हैं।
एनडीए की रणनीति
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है और सभी घटक दल मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। उनका मानना है कि एनडीए के पास फिलहाल मजबूत जनाधार है और यही कारण है कि दूसरे दलों के नेता और विधायक भी एनडीए की ओर आकर्षित हो रहे हैं। राज्यसभा की सीटों को लेकर भी एनडीए पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ेगा।
राजद की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार
जदयू के इस दावे के बाद अब सबकी निगाहें राजद की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। फिलहाल राजद की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, इससे पहले भी राजद नेता इस तरह के दावों को राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश बताते रहे हैं। आने वाले दिनों में अगर किसी विधायक के दल बदलने की घोषणा होती है, तो यह दावा और मजबूत हो सकता है।
बिहार की राजनीति में संभावित बदलाव
बिहार की राजनीति पहले से ही गठबंधन, टूट और जोड़-तोड़ के लिए जानी जाती रही है। ऐसे में जदयू का यह दावा कि राजद के कई विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं, राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है। अगर ऐसा होता है, तो इसका असर न सिर्फ विधानसभा की ताकत पर पड़ेगा, बल्कि राज्यसभा चुनावों और भविष्य की राजनीति पर भी साफ नजर आएगा। जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान बिहार की राजनीति में एक नए सियासी संकेत के रूप में देखा जा रहा है। राजद के भीतर असंतोष, विधायकों की नाराजगी और राज्यसभा की खाली सीटों का गणित आने वाले समय में बड़े बदलावों की भूमिका तैयार कर सकता है। हालांकि, यह सब अभी दावों और संभावनाओं के दायरे में है। असली तस्वीर तब साफ होगी, जब जमीन पर कोई ठोस राजनीतिक कदम सामने आएगा। फिलहाल बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा चुकी है और आने वाले दिनों में इस पर सबकी नजर बनी रहेगी।

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