December 23, 2025

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का किया बचाव, कहा- बेवजह मामले को तूल दे रहा विपक्ष, गलत नहीं था सीएम का इरादा

पटना। राज्य की राजनीति में इन दिनों हिजाब से जुड़े एक प्रकरण को लेकर चर्चा तेज है। इसी बीच राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इस विवाद पर स्पष्ट और संतुलित प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में खुलकर कहा कि इस पूरे मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है और इसे दुर्भावना से जोड़ना अनुचित है।
“पितृसुलभ दृष्टिकोण” को गलत अर्थों में न लिया जाए
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री की उम्र, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव और जिस छात्रा से यह मामला जुड़ा है, इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इसे एक “पितृसुलभ दृष्टिकोण” के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्तियों द्वारा अपनाया गया ऐसा व्यवहार सामान्य मानवीय संवेदना का प्रतीक होता है, न कि किसी प्रकार की दुर्भावना का। कुशवाहा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीति में अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों को बड़ा बनाकर अनावश्यक विवाद खड़े कर दिए जाते हैं, जबकि इससे समाज में भ्रम और तनाव की स्थिति पैदा होती है।
संवेदनशील मुद्दों पर संयम और विवेक की अपील
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने समाज और राजनीति दोनों से संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में जल्दबाजी में बयानबाजी करने से सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचता है। उनका कहना था कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी और विवेक भी उतना ही आवश्यक है।
समकालीन राजनीति पर खुलकर बोले कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने केवल हिजाब विवाद ही नहीं, बल्कि समकालीन राजनीति से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों पर भी अपनी राय रखी। उनके वक्तव्य में जहां राजनीतिक परिपक्वता दिखाई दी, वहीं अनावश्यक विवादों से बचने की सधी हुई सलाह भी साफ झलकी। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में गंभीर मुद्दों पर चर्चा कम और भावनात्मक तथा उत्तेजक विषयों पर शोर ज्यादा हो गया है, जो लोकतांत्रिक विमर्श के लिए शुभ संकेत नहीं है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के विस्तार पर जताया भरोसा
अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा की संगठनात्मक स्थिति पर बोलते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में नया उत्साह और ऊर्जा देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणामों के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है और संगठन को मजबूती मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी आत्मविश्वास के साथ अब पार्टी बिहार की सीमाओं से बाहर निकलकर अन्य राज्यों में भी संगठन विस्तार की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। उनका मानना है कि राष्ट्रीय राजनीति में एक वैकल्पिक और जिम्मेदार आवाज की जरूरत है, जिसे राष्ट्रीय लोक मोर्चा मजबूती से उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय राजनीति में “जिम्मेदार विकल्प” की जरूरत
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश की राजनीति में आज ऐसे दलों की जरूरत है जो केवल सत्ता की राजनीति न करें, बल्कि जनता के वास्तविक मुद्दों को प्राथमिकता दें। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका को और सशक्त करेगा।
जीतनराम माझी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी के ‘वोट मैनेज’ संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कड़े शब्दों में असहमति जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के शब्दों और संकेतों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे राजनीतिक मर्यादाओं को ठेस पहुंचती है। कुशवाहा ने कहा कि ऐसे बयान जनता के लोकतंत्र पर विश्वास को कमजोर करते हैं और राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुंचाते हैं।
“मनोबल बढ़ाने की मंशा हो सकती है, लेकिन जिम्मेदारी जरूरी”
हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी जोड़ा कि संभव है कि यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से दिया गया हो, लेकिन सार्वजनिक जीवन में नेताओं को अपने शब्दों के प्रभाव को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर बयान केवल समर्थकों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए संदेश देता है।
संतुलन और मर्यादा का संदेश
उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान राजनीतिक संतुलन और मर्यादा का संदेश देता नजर आया। जहां उन्होंने हिजाब विवाद पर मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए अनावश्यक विवादों से बचने की सलाह दी, वहीं लोकतंत्र और राजनीतिक संस्कृति को लेकर भी गंभीर चिंता जाहिर की। राजनीतिक हलकों में उनके इस बयान को एक परिपक्व और जिम्मेदार नेता की टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है, जो मौजूदा राजनीतिक माहौल में संयम और विवेक की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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