December 24, 2025

दिल्ली में प्रधानमंत्री से सीएम नीतीश ने की मुलाकात, 30 मिनट तक बातचीत, मंत्रिमंडल विस्तार पर हुई चर्चा

नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली, जिसमें दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता ललन सिंह तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे। तीनों नेता एक ही कार से प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जिससे इस बैठक के राजनीतिक महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हिजाब विवाद के बाद पहली बड़ी बातचीत
नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब बिहार में हाल ही में हुए हिजाब विवाद को लेकर देशभर में चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से विस्तृत बातचीत कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलने के बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करने वाले हैं। हिजाब विवाद के बाद यह नीतीश कुमार का पहला बड़ा केंद्रीय नेतृत्व से संवाद माना जा रहा है।
चुनावी जीत के बाद पहला दिल्ली दौरा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद यह नीतीश कुमार का पहला दिल्ली दौरा है। चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर मजबूत बहुमत हासिल किया था। इस ऐतिहासिक जीत के बाद नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के साथ समन्वय और भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हिजाब विवाद की पृष्ठभूमि
दरअसल, 15 दिसंबर को पटना में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान एक घटना सामने आई थी, जिसने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महिला डॉक्टर नुसरत परवीन को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद उन्होंने महिला के हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि यह क्या है। महिला डॉक्टर ने जवाब दिया कि यह हिजाब है। इस पर मुख्यमंत्री ने उसे हटाने के लिए कहा और फिर स्वयं अपने हाथ से महिला का हिजाब हटा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद देश और विदेश तक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
विवाद का राजनीतिक असर
हिजाब विवाद के बाद महिला डॉक्टर नुसरत परवीन ने अब तक अपनी नौकरी जॉइन नहीं की है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए नहीं चाहेगा कि इस विवाद का असर 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर पड़े। इसी कारण केंद्र नेतृत्व इस मामले को गंभीरता से देख रहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई है। हाल ही में बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उनके पास दो विभागों की जिम्मेदारी थी, जिससे मंत्रिमंडल में खालीपन पैदा हुआ है। इस खाली पद को लेकर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस विषय पर भी केंद्र और राज्य नेतृत्व के बीच विचार-विमर्श हुआ है।
महिला रोजगार योजना और आर्थिक मुद्दे
बैठक में महिला रोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले 10-10 हजार रुपये की योजना पर भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। यह योजना चुनावी वादों में शामिल थी और इसके क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार से सहयोग की जरूरत है। इसके अलावा बिहार के विकास से जुड़े अन्य आर्थिक मुद्दों पर भी बातचीत हुई है।
विकसित बिहार के विजन पर फोकस
चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विकसित राज्य बनाने का वादा किया था। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दौरे के दौरान विकसित बिहार के विजन पर प्रधानमंत्री से विस्तार से चर्चा कर रहे हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं, केंद्रीय बजट से मिलने वाली सहायता और राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस किया जा रहा है। आने वाले केंद्रीय बजट से पहले यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि बिहार को बड़ी वित्तीय मदद की उम्मीद है।
केंद्र से अधिक सहयोग की उम्मीद
एनडीए सरकार को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से बड़े स्तर पर सहयोग की जरूरत है। चाहे वह रोजगार सृजन हो, महिला सशक्तिकरण हो या आधारभूत ढांचे का विकास, इन सभी योजनाओं के लिए केंद्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री का यह दिल्ली दौरा मुख्य रूप से केंद्र से बिहार के लिए अधिक मदद और बदली राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति तय करने पर केंद्रित है।
वापसी का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटना से दिल्ली पहुंचे थे और सोमवार देर शाम उनके पटना लौटने की संभावना है। इस संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण दौरे में उन्होंने केंद्र के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर कई अहम मुद्दों पर बातचीत की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कई मायनों में अहम है। एक ओर जहां हिजाब विवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र और राज्य के बीच संवाद हुआ, वहीं दूसरी ओर बिहार के विकास, मंत्रिमंडल विस्तार और चुनावी वादों को पूरा करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई। आने वाले दिनों में इस मुलाकात के राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव बिहार की राजनीति में साफ तौर पर दिखाई दे सकते हैं।

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