दिल्ली में आज मुख्यमंत्री पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात, बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं से मिलेंगे नीतीश
नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। वे रविवार को पटना से दिल्ली रवाना हुए थे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को ऐतिहासिक जीत मिली है। चुनावी सफलता के बाद यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पहला दिल्ली दौरा माना जा रहा है, इसलिए इसे राजनीतिक रूप से भी काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, इस दौरे की एक वजह स्वास्थ्य से जुड़ी जांच और परामर्श भी बताई जा रही है, लेकिन इसके साथ-साथ राजनीतिक मुलाकातों का सिलसिला भी तेज हो गया है।
स्वास्थ्य कारणों के साथ राजनीतिक मुलाकातें
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आए हैं, जहां वे चिकित्सकीय परामर्श भी ले सकते हैं। इसके बावजूद उनका कार्यक्रम पूरी तरह राजनीतिक गतिविधियों से खाली नहीं है। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने पार्टी के नेताओं से मुलाकात शुरू कर दी। इससे यह संकेत मिलता है कि यह दौरा केवल निजी या स्वास्थ्य कारणों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक रणनीति और भविष्य की दिशा को लेकर भी विचार-विमर्श होना है।
जदयू नेताओं से मुलाकात
रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने जदयू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इन मुलाकातों में संगठनात्मक मुद्दों, आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों और दिल्ली में पार्टी की गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। पार्टी नेताओं के साथ यह संवाद ऐसे समय में हुआ है, जब एनडीए सरकार बनने के बाद जदयू की भूमिका और रणनीति को लेकर चर्चाएं चल रही हैं।
ललन सिंह ने किया स्वागत
दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत केंद्रीय मंत्री और जदयू सांसद ललन सिंह ने किया। यह स्वागत राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि ललन सिंह पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं और केंद्र सरकार में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उनके साथ नीतीश कुमार की नजदीकी यह दर्शाती है कि पार्टी के भीतर समन्वय बनाए रखने की कोशिश जारी है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से संभावित मुलाकात
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि इस उच्चस्तरीय बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहेंगे। अगर यह बैठक होती है, तो इसे केंद्र और बिहार सरकार के बीच समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जाएगा।
बैठक में किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच होने वाली संभावित बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय, बिहार सरकार का आगामी रोडमैप और विकास एजेंडा प्रमुख रूप से शामिल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र से बिहार के लिए बकाया राशि का मुद्दा उठा सकते हैं। इसके अलावा विशेष सहायता पैकेज, केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति और राज्य के विकास से जुड़े अन्य विषय भी चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।
बिहार के विकास पर फोकस
नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के विकास को लेकर केंद्र से सहयोग की मांग करते रहे हैं। ऐसे में इस मुलाकात में वे बुनियादी ढांचे, सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक विकास से जुड़े मुद्दों पर जोर दे सकते हैं। चुनावी जीत के बाद यह पहली बड़ी बातचीत होगी, जिसमें नई सरकार के विकास के एजेंडे को केंद्र के सामने रखने का अवसर मिलेगा।
तय कार्यक्रम के अनुसार वापसी
मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा ज्यादा लंबा नहीं है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वे सोमवार शाम पटना लौट आएंगे। यानी एक ही दिन में उनकी अधिकांश राजनीतिक और प्रशासनिक मुलाकातें पूरी हो जाएंगी। इससे यह संकेत मिलता है कि यह दौरा संक्षिप्त लेकिन काफी महत्वपूर्ण है।
एनडीए में बढ़ती सियासी हलचल
जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार की राजनीति में एनडीए के भीतर हलचल भी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी के बयान ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है। मांझी ने साफ तौर पर कहा है कि अगर उन्हें राज्यसभा नहीं मिला तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
मांझी के बयान से बढ़ी चिंता
जीतनराम मांझी के इस बयान को एनडीए के भीतर दबाव की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है। उनके बगावती तेवरों से यह चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं एनडीए के अंदर सब कुछ ठीक तो नहीं है। हालांकि अभी तक कोई औपचारिक फैसला या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन उनके बयान ने गठबंधन में तनाव के संकेत जरूर दिए हैं।
दिल्ली दौरे का सियासी महत्व
ऐसे समय में नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। एक ओर उन्हें केंद्र के शीर्ष नेतृत्व से बिहार के हितों पर बात करनी है, वहीं दूसरी ओर एनडीए के भीतर उभर रहे मतभेदों को भी संभालना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान इन आंतरिक मुद्दों पर भी अनौपचारिक चर्चा हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा कई मायनों में अहम है। यह दौरा स्वास्थ्य कारणों के साथ-साथ राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से संभावित मुलाकात में बिहार के विकास और केंद्र-राज्य समन्वय पर चर्चा होने की उम्मीद है। वहीं एनडीए के भीतर चल रही हलचल के बीच यह दौरा गठबंधन की दिशा और स्थिरता को लेकर भी कई संकेत दे सकता है। आने वाले दिनों में इन मुलाकातों के क्या नतीजे निकलते हैं, इस पर बिहार की राजनीति की अगली दिशा काफी हद तक निर्भर करेगी।


