December 23, 2025

बिहार के ईशान किशन की 2 साल बाद टीम इंडिया में वापसी, शानदार प्रदर्शन की रहेगी उम्मीद

  • शानदार कप्तानी और बल्लेबाजी से झारखंड को मुश्ताक अली जिताया, बीसीसीआई ने टीम में लेकर दिया इनाम

पटना। टी-20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम की घोषणा के साथ ही बिहार और झारखंड के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पटना से ताल्लुक रखने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन की करीब दो साल बाद टीम इंडिया में वापसी हुई है। लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे ईशान किशन ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का भरोसा दोबारा जीत लिया है। उनकी यह वापसी न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह घरेलू क्रिकेट के महत्व को भी रेखांकित करती है।
दो साल का कठिन इंतजार
ईशान किशन पिछले करीब दो वर्षों से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। कभी फॉर्म की समस्या तो कभी टीम संयोजन की वजह से उन्हें मौका नहीं मिल पाया। ओपनर और विकेटकीपर के तौर पर टीम इंडिया में पहले से ही कई मजबूत विकल्प मौजूद थे, जिससे ईशान की वापसी की राह आसान नहीं थी। अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी ओपनिंग स्लॉट के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे थे।
मुश्ताक अली ट्रॉफी में कप्तानी का कमाल
ईशान किशन की वापसी की सबसे बड़ी वजह उनका सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन रहा। उन्होंने न सिर्फ बल्ले से कमाल किया, बल्कि कप्तान के रूप में भी झारखंड टीम को ऐतिहासिक सफलता दिलाई। ईशान की कप्तानी में झारखंड ने पहली बार टी-20 फॉर्मेट के इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट का खिताब जीता। यह जीत झारखंड क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हुई।
फाइनल में ऐतिहासिक शतक
पुणे में खेले गए फाइनल मुकाबले में ईशान किशन ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने 49 गेंदों पर 101 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 6 चौके और 10 छक्के शामिल थे। यह पारी न केवल व्यक्तिगत रूप से खास थी, बल्कि टीम के लिए भी निर्णायक साबित हुई। झारखंड ने इस मुकाबले में हरियाणा को 69 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया।
कुमार कुशाग्र के साथ यादगार साझेदारी
फाइनल मैच में झारखंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने पहला विकेट जल्दी गंवा दिया। इसके बाद कप्तान ईशान किशन ने कुमार कुशाग्र के साथ मिलकर पारी को संभाला और बड़े स्कोर की नींव रखी। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 82 गेंदों पर 177 रनों की तेज साझेदारी हुई। इस साझेदारी ने मैच की दिशा ही बदल दी। ईशान 15वें ओवर में आउट हुए, लेकिन तब तक वे अपना काम कर चुके थे। इसके बाद कुमार कुशाग्र ने भी 38 गेंदों पर 81 रन की तूफानी पारी खेली।
पूरे टूर्नामेंट में रहा दबदबा
ईशान किशन का प्रदर्शन सिर्फ फाइनल तक सीमित नहीं रहा। वे पूरे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में नजर आए। उन्होंने 10 मैचों में 197.32 के स्ट्राइक रेट से कुल 517 रन बनाए और टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे। इस दौरान उनके बल्ले से दो शतक और दो अर्धशतक निकले। उनकी निरंतरता और आक्रामक बल्लेबाजी ने चयनकर्ताओं को मजबूर कर दिया कि वे उन्हें नजरअंदाज न करें।
बीसीसीआई का भरोसा और इनाम
घरेलू क्रिकेट में इस शानदार प्रदर्शन का इनाम ईशान किशन को टीम इंडिया में चयन के रूप में मिला। बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने यह साफ संदेश दिया कि घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका जरूर मिलेगा। शुभमन गिल के खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर होने के बाद ईशान किशन के लिए दरवाजे खुले और उन्होंने इस मौके को पूरी तरह भुनाया।
चयन से पहले बनी हुई थी अनिश्चितता
हालांकि, टीम इंडिया में उनकी जगह पहले से पक्की नहीं मानी जा रही थी। लंबे समय तक टीम से बाहर रहने के कारण यह माना जा रहा था कि चयनकर्ताओं की प्राथमिकता अन्य खिलाड़ियों पर होगी। लेकिन ईशान किशन ने बल्ले और कप्तानी दोनों से यह साबित कर दिया कि वे अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका आत्मविश्वास और मैच जिताने की क्षमता उनकी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी।
प्लेयर ऑफ द फाइनल और सीरीज
ईशान किशन को उनकी शानदार पारी के लिए फाइनल मैच का प्लेयर ऑफ द फाइनल चुना गया। वहीं झारखंड के ऑलराउंडर अनुकूल रॉय को प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला। यह झारखंड टीम के सामूहिक प्रदर्शन को भी दर्शाता है, जिसमें ईशान किशन की कप्तानी की अहम भूमिका रही।
बिहार के लिए गर्व का पल
ईशान किशन भले ही झारखंड टीम से खेलते हों, लेकिन उनका संबंध बिहार के पटना से है। ऐसे में उनकी टीम इंडिया में वापसी बिहार के क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है। उनकी सफलता युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है कि मेहनत और प्रदर्शन के दम पर वापसी हमेशा संभव है।
टीम इंडिया से उम्मीदें
अब जब ईशान किशन को टी-20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है, तो उनसे बड़ी उम्मीदें होंगी। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी, विकेटकीपिंग और बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की क्षमता टीम इंडिया के लिए अहम साबित हो सकती है। अगर वे घरेलू क्रिकेट की तरह ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी फॉर्म बरकरार रखते हैं, तो भारत को एक मजबूत विकल्प मिलेगा। ईशान किशन की दो साल बाद टीम इंडिया में वापसी मेहनत, धैर्य और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का परिणाम है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी ने यह साबित कर दिया कि वे अभी भी बड़े मंच के खिलाड़ी हैं। अब टी-20 वर्ल्ड कप 2026 में उनसे यही उम्मीद होगी कि वे इस मौके को पूरी तरह भुनाएं और भारतीय टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाएं।

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