December 24, 2025

पटना में पुलिस की टीम पर ग्रामीणों का हमला, वाहनों के साथ की तोड़फोड़, 7 पुलिसकर्मी घायल

  • लापता युवक का शव मिलने के बाद भड़का आक्रोश, वाहनों में तोड़फोड़, इलाके में अतिरिक्त बल तैनात

बाढ़ (पटना)। राजधानी पटना से सटे बाढ़ अनुमंडल में शनिवार को उस वक्त हालात बेकाबू हो गए, जब आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस घटना में सालिमपुर थानाध्यक्ष समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पुलिस के वाहनों में भी जमकर तोड़फोड़ की गई। मामला सालिमपुर थाना क्षेत्र का है, जहां बीते दो दिनों से लापता एक युवक का शव गंगा नदी से बरामद होने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया, हालांकि फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया जा रहा है।
लापता युवक का गंगा से मिला शव
जानकारी के अनुसार, लखीपुर निवासी कन्हैया शर्मा बीते 16 दिसंबर से लापता थे। परिजन शुरू से ही उनके अपहरण कर हत्या किए जाने की आशंका जता रहे थे। शनिवार को जब पुलिस ने कन्हैया शर्मा का शव गंगा नदी से बरामद किया, तो यह खबर इलाके में आग की तरह फैल गई। शव मिलने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठाने लगे।
परिजनों का आरोप, पुलिस ने नहीं की समय पर कार्रवाई
परिजनों का कहना है कि कन्हैया शर्मा के लापता होने के बाद उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी थी। उनका आरोप है कि शुरुआत में पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और लापरवाही बरती गई। परिजनों के मुताबिक, यदि समय रहते सख्त कार्रवाई होती तो शायद कन्हैया शर्मा की जान बचाई जा सकती थी। इसी आरोप को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती चली गई।
अपहरण की शिकायत और दर्ज प्राथमिकी
बताया गया है कि 16 दिसंबर की शाम कन्हैया शर्मा अपने भाई के साथ रामनगर दियारा इलाके में खेत देखने गए थे। इसी दौरान हथियारबंद कुछ लोग वहां पहुंचे और जबरन कन्हैया शर्मा को अपने साथ ले गए। इस घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर सालिमपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में कुल 14 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
शव बरामद होते ही भड़का जनाक्रोश
शनिवार को जैसे ही कन्हैया शर्मा का शव गंगा से बरामद होने की खबर सामने आई, ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग बड़ी संख्या में जमा होकर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। देखते ही देखते हंगामा बढ़ता गया और हालात हिंसक हो गए। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया और मौके पर मौजूद पुलिस वाहनों में भी तोड़फोड़ शुरू कर दी।
पुलिस टीम पर हमला, कई जवान घायल
ग्रामीणों के हमले में सालिमपुर थानाध्यक्ष समेत कुल सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में अनंत कुमार, मनोज कुमार, सतीश चंद्र, राजेश गुप्ता सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। सभी घायलों को तत्काल बख्तियारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं, हालांकि सभी की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
घटना के बाद इलाके में तनाव
पुलिस टीम पर हमले की खबर मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की। घटना के बाद सालिमपुर थाना क्षेत्र और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल बन गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पुलिस गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि हालात दोबारा न बिगड़ें।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
एसडीपीओ-2 आयुष श्रीवास्तव ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कन्हैया शर्मा हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पुलिस पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ
पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों से न केवल हत्या के मामले में पूछताछ की जा रही है, बल्कि पुलिस टीम पर हुए हमले और तोड़फोड़ की घटना को लेकर भी जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हंगामे के दौरान किन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
ग्रामीणों में डर और नाराजगी
घटना के बाद इलाके के लोगों में डर और नाराजगी दोनों का माहौल है। जहां एक ओर कन्हैया शर्मा की मौत से ग्रामीण शोक में डूबे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस कार्रवाई को लेकर असंतोष भी नजर आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।
स्थिति पर नजर बनाए हुए प्रशासन
प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को इलाके में कैंप करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस और प्रशासन की प्राथमिकता फिलहाल कानून व्यवस्था बनाए रखना और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। फिलहाल बाढ़ अनुमंडल में हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, लेकिन घटना ने एक बार फिर पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास के सवाल को खड़ा कर दिया है। आने वाले दिनों में जांच के नतीजे और पुलिस की कार्रवाई यह तय करेगी कि पीड़ित परिवार को कितना और कब न्याय मिल पाता है।

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