December 23, 2025

छपरा में पुलिस और अपराधियों में मुठभेड़: अपहरण की कोशिश नाकाम, दो को लगी गोली, पांच गिरफ्तार

छपरा/सारण। सारण जिले में गुरुवार की रात पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ ने जिले में सनसनी फैला दी। इस मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान दो कुख्यात अपराधियों के पैर में गोली लगी, जबकि अपहरण कांड से जुड़े कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह मुठभेड़ रिवीलगंज थाना क्षेत्र के इनई बगीचा इलाके में हुई, जहां पुलिस हथियार बरामदगी के लिए अपराधियों को लेकर पहुंची थी। पुलिस के अनुसार, अपहरण की साजिश रचने वाले अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।
हथियार बरामदगी के दौरान हुई मुठभेड़
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सारण पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अपहरण कांड में शामिल अपराधियों ने हथियार इनई बगीचा इलाके में छिपाकर रखे हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस टीम अपराधियों को लेकर वहां पहुंची। जैसे ही पुलिस ने तलाशी शुरू की, वैसे ही अपराधियों ने अचानक पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। स्थिति को गंभीर होता देख पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान दो अपराधियों के पैर में गोली लग गई, जिससे वे घायल होकर गिर पड़े। अन्य पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें काबू में कर लिया।
घायल अपराधियों की पहचान
मुठभेड़ में घायल अपराधियों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के दहियावां निवासी रंजन यादव और अवतार नगर थाना क्षेत्र के धर्म बागी निवासी सोनू राय के रूप में हुई है। दोनों को तुरंत छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि इन दोनों अपराधियों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और ये लंबे समय से पुलिस के रडार पर थे।
डॉ. सजल कुमार अपहरण कांड से जुड़ा मामला
पुलिस ने बताया कि घायल अपराधी वही हैं, जिन्होंने बुधवार की रात छपरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सजल कुमार के अपहरण की कोशिश की थी। डॉ. सजल कुमार कुमार हेल्थ केयर रिसर्च सेंटर के संचालक हैं और नगर थाना क्षेत्र के साधनापुरी इलाके के रहने वाले हैं। इस घटना के बाद जिले मे कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए थे, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा अपराध टल गया।
कैसे हुई अपहरण की कोशिश
डॉ. सजल कुमार द्वारा नगर थाना में दिए गए आवेदन के अनुसार, बुधवार 17 दिसंबर की रात करीब साढ़े 10 बजे वह अस्पताल से घर पहुंचे थे। उस समय उनके साथ ड्राइवर वीरेंद्र और स्टाफ नीतीश कुमार भी मौजूद थे। जैसे ही वे गाड़ी से उतरने लगे, तभी 4-5 बदमाश हथियारों के साथ वहां पहुंचे और तीनों को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। अपराधी गाड़ी को शीशमहल होटल की ओर ले जाने लगे। रास्ते में मौका देखकर डॉ. सजल कुमार चलती गाड़ी से कूद गए और होटल की ओर भागे, जहां लोगों की मौजूदगी के कारण अपराधी वहां से भाग निकले।
दुर्घटना के बाद भागे अपराधी
डॉ. सजल कुमार ने अपने बयान में बताया कि अपराधी उनके ड्राइवर और स्टाफ को गाड़ी में बैठाकर भाग रहे थे। इसी दौरान डीएम कोठी के पास अपराधियों की गाड़ी बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए। जाते-जाते वे डॉक्टर के दो मोबाइल फोन और उनके स्टाफ के मोबाइल भी अपने साथ ले गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान
अपहरण की कोशिश के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज के आधार पर पुलिस ने अपराधियों की पहचान की और त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान इन अपराधियों ने हथियार छिपाने की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस उन्हें लेकर इनई बगीचा पहुंची और वहीं मुठभेड़ हो गई।
पांच आरोपियों की गिरफ्तारी, अन्य की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार, इस किडनैपिंग कांड में अब तक कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर लिया जाएगा। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के दौरान अपहरण के पीछे की साजिश, फिरौती की योजना और गिरोह के नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारियां मिल रही हैं।
एसएसपी का बयान और जनता से अपील
सारण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मुठभेड़ और गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस पूरी सतर्कता और कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस को जांच में सहयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार में बढ़ते हाफ एनकाउंटर के मामले
गौरतलब है कि यह करीब डेढ़ महीने के भीतर बिहार पुलिस का पांचवां हाफ एनकाउंटर है। इससे पहले 11 दिसंबर को पटना में बैंक कर्मचारी से 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले अपराधी राकेश को पुलिस ने पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। 2 दिसंबर को छपरा में शराब माफिया, 21 नवंबर को बेगूसराय में कुख्यात शिवदत्त राय और 7 नवंबर को छपरा में ही कुख्यात शिकारी राय का हाफ एनकाउंटर हुआ था। इन घटनाओं से साफ है कि बिहार पुलिस अपराधियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। फिलहाल सारण पुलिस पूरे मामले की गहन जांच में जुटी हुई है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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