पूर्णिया में बीटेक की छात्रा ने की आत्महत्या, कमरे में लगाई फांसी, मां को 10 बार किया वीडियो कॉल
पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया जिले से एक अत्यंत हृदयविदारक और संवेदनशील घटना सामने आई है, जहाँ बीटेक फर्स्ट ईयर की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। इस घटना ने न सिर्फ छात्रा के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे शैक्षणिक और सामाजिक परिवेश को भी झकझोर कर रख दिया है। मृतका की पहचान 19 वर्षीय सुजाता कुमारी के रूप में हुई है, जो सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस की छात्रा थी। आत्महत्या से पहले सुजाता द्वारा अपनी मां को बार-बार वीडियो कॉल करना और प्रेम भरे शब्द कहना इस घटना को और भी मार्मिक बना देता है।
छात्रा का पारिवारिक और शैक्षणिक जीवन
सुजाता कुमारी मूल रूप से दरभंगा जिले की रहने वाली थी। पढ़ाई में वह शुरू से ही तेज और मेधावी मानी जाती थी। परिवार के अनुसार, कॉलेज या पढ़ाई को लेकर पहले कभी कोई गंभीर शिकायत सामने नहीं आई थी। दरभंगा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान भी उसका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा रहा था। इंजीनियरिंग में दाखिला मिलने के बाद वह अपने भविष्य को लेकर उत्साहित थी और 26 जुलाई 2025 से पूर्णिया के मरंगा इलाके में स्थित पीजी गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। परिवार को उससे काफी उम्मीदें थीं।
घटना से पहले के हालात
घटना से एक रात पहले सुजाता ने अपनी मां को कई बार वीडियो कॉल किया। बताया जा रहा है कि उसने करीब 10 बार अपनी मां से संपर्क किया और हर बार सिर्फ इतना कहा कि, “मम्मी, आई लव यू, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं।” उस समय परिवार को यह सामान्य भावनात्मक बातचीत लगी, लेकिन बाद में यही कॉल्स एक दर्दनाक संकेत बनकर सामने आईं। बातचीत के दौरान सुजाता ने यह भी कहा था कि उसे शरीर में कमजोरी महसूस हो रही है। हालांकि उसने किसी गंभीर मानसिक परेशानी या तनाव की खुलकर चर्चा नहीं की।
आत्महत्या की सूचना और हॉस्टल में हड़कंप
बुधवार की सुबह जब सुजाता की मां ने उसे कई बार फोन किया और कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें चिंता हुई। इसके बाद उन्होंने हॉस्टल के संचालक को फोन कर इसकी जानकारी दी। संचालक कुछ लोगों के साथ सुजाता के कमरे के पास पहुंचे और काफी देर तक आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दरवाजा तोड़ा गया। जैसे ही लोग कमरे के अंदर गए, वहां का दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए। सुजाता फंदे से लटकी हुई थी।
कमरे से मिले संकेत
पुलिस के अनुसार, कमरे में कई ऐसी चीजें मिलीं जो घटना के समय की स्थिति को बयां करती हैं। खाना फर्श पर ढक कर रखा हुआ था, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह सामान्य दिनचर्या में थी। उसका मोबाइल फोन भी फर्श पर गिरा हुआ मिला। कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को एक नीली डायरी मिली, जिसमें सुजाता ने सुसाइड नोट लिखा था। नोट में उसने अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा था कि उसकी जिंदगी खत्म हो गई है। यह पंक्तियां उसके अंदर चल रहे मानसिक संघर्ष की ओर इशारा करती हैं।
मां और परिवार की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही सुजाता के घर वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां ने बताया कि बेटी पढ़ाई में काफी होशियार थी और कभी भी उसने ऐसा कदम उठाने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक यह समझ में नहीं आ रहा है कि सुजाता ने आत्महत्या जैसा कठोर फैसला क्यों लिया। परिवार के लिए यह सवाल सबसे बड़ा है कि आखिर ऐसी कौन-सी परेशानी थी, जिसे वह किसी से साझा नहीं कर पाई।
पुलिस की शुरुआती जांच
मरंगा थानाध्यक्ष रूपक रंजन सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रा किसी प्रकार के मानसिक दबाव या डिप्रेशन से गुजर रही थी। हालांकि पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। सुसाइड नोट को भी जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं पढ़ाई, हॉस्टल जीवन, व्यक्तिगत संबंध या किसी अन्य कारण से वह तनाव में तो नहीं थी।
समाज और शिक्षा व्यवस्था के लिए सवाल
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह समाज और शिक्षा व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। उच्च शिक्षा के दौरान छात्रों पर पढ़ाई, भविष्य और सामाजिक अपेक्षाओं का दबाव बढ़ जाता है। कई बार छात्र अपने मानसिक तनाव को साझा नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर टूट जाते हैं। ऐसे में परिवार, शिक्षण संस्थान और समाज सभी की जिम्मेदारी बनती है कि वे छात्रों की मानसिक स्थिति पर ध्यान दें और संवाद का माहौल बनाएं। पूर्णिया की यह घटना एक होनहार छात्रा की असमय मौत की कहानी है, जो कई अनुत्तरित सवाल छोड़ जाती है। सुजाता कुमारी का बार-बार अपनी मां से प्रेम व्यक्त करना और फिर अचानक ऐसा कदम उठा लेना इस बात का संकेत है कि वह भीतर ही भीतर गहरे संघर्ष से गुजर रही थी। इस घटना से यह सीख मिलती है कि मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना कितना जरूरी है, ताकि भविष्य में किसी और सुजाता को इस तरह अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए मजबूर न होना पड़े।


