December 17, 2025

भू-माफियाओं से सांठगांठ होने पर बर्खास्त होंगे राजस्व कर्मी, विभाग ने जारी किया आदेश

पटना। बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को लेकर सरकार अब और सख्त रुख अपनाती नजर आ रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री विजय कुमार सिन्हा लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने एक अहम आदेश जारी किया है, जिसके तहत भूमाफियाओं से सांठगांठ रखने वाले राजस्व कर्मियों पर सीधी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले को जमीन विवादों से जूझ रहे आम लोगों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
राजस्व व्यवस्था में सुधार की दिशा में सख्त कदम
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का प्रभार संभालने के बाद से ही विजय कुमार सिन्हा सुधार के एजेंडे पर लगातार काम कर रहे हैं। विभाग में लंबे समय से भ्रष्टाचार, दलाली और भूमाफियाओं के प्रभाव की शिकायतें सामने आती रही हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि जमीन से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की अनियमितता या मिलीभगत को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि जमीन विवाद समाज में तनाव और हिंसा की बड़ी वजह बनते हैं, इसलिए इस पर कठोर कार्रवाई जरूरी है।
लखीसराय में सामने आईं गंभीर शिकायतें
लखीसराय जिले में आयोजित भूमि सुधार जन कल्याण संवाद कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। इनमें दाखिल-खारिज, जमाबंदी सुधार, अतिक्रमण, मापी और नामांतरण से जुड़े मामले प्रमुख थे। लोगों ने आरोप लगाया कि कई राजस्व कर्मचारी बिना रिश्वत के काम नहीं करते और जानबूझकर फाइलें महीनों तक लंबित रखते हैं। कुछ मामलों में भूमाफियाओं के दबाव में गलत तरीके से जमीन की जमाबंदी करने की भी शिकायतें सामने आईं।
मौके पर अधिकारियों से सीधी पूछताछ
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मियों से मौके पर ही सवाल-जवाब किए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि किसी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। मंत्री ने यह भी कहा कि अब केवल चेतावनी देकर नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि दोषियों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।
भूमाफियाओं से सांठगांठ पर जीरो टॉलरेंस
विजय कुमार सिन्हा ने साफ कहा कि यदि किसी भी राजस्व कर्मी की सांठगांठ भूमाफियाओं के साथ पाई जाती है तो उसे सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। इसके साथ ही उस कर्मी की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने इसे सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया। मंत्री ने कहा कि भूमाफियाओं को संरक्षण देने वाले कर्मचारी भी उतने ही दोषी हैं जितने खुद माफिया।
फर्जी आवेदनों पर भी होगी कार्रवाई
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि फर्जी आवेदन देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कई मामलों में देखा गया है कि जमीन विवाद में जानबूझकर गलत दस्तावेज लगाकर आवेदन दिए जाते हैं, जिससे प्रशासन को गुमराह किया जाता है। ऐसे मामलों में अब आवेदकों पर भी सख्ती बरती जाएगी।
प्रशासन और पुलिस को दिए निर्देश
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि जिले में सक्रिय भूमाफियाओं की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि भूमाफियाओं के खिलाफ राजस्व और पुलिस प्रशासन मिलकर संयुक्त कार्रवाई करे। जमीन पर अवैध कब्जा, फर्जी रजिस्ट्री और जबरन दखल जैसे मामलों पर विशेष नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।
नई पोस्टिंग और प्रशासनिक बदलाव
राजस्व व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मंत्री ने लगभग 20 नए राजस्व पदाधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर प्रधान सचिव को आवश्यक निर्देश दिए। उनका मानना है कि कई अंचलों में लंबे समय से एक ही जगह तैनात कर्मियों के कारण भ्रष्टाचार पनपता है। इसलिए समय-समय पर स्थानांतरण और नई नियुक्तियां जरूरी हैं।
भूमि सुधार जन कल्याण संवाद की भूमिका
विजय कुमार सिन्हा ने भूमि सुधार जन कल्याण संवाद को सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस मंच के जरिए आम लोग सीधे अपनी समस्याएं रख पा रहे हैं और प्रशासन को भी जमीनी हकीकत का पता चल रहा है। इससे न केवल समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों में जवाबदेही भी बढ़ रही है।
आम लोगों को मिली उम्मीद
मंत्री के इस सख्त आदेश के बाद जमीन विवाद से पीड़ित लोगों में उम्मीद जगी है। लंबे समय से लोग यह शिकायत करते रहे हैं कि भूमाफिया और कुछ भ्रष्ट कर्मचारी मिलकर उनकी जमीन हड़प लेते हैं। अब सरकार के इस रुख से यह संदेश गया है कि जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। भूमाफियाओं से सांठगांठ पर बर्खास्तगी का आदेश बिहार में राजस्व सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यदि इस आदेश का सख्ती से पालन होता है, तो इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि जमीन विवादों में भी कमी आएगी और आम लोगों का भरोसा प्रशासन पर और मजबूत होगा।

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