सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर पटना राजकीय समारोह आयोजित, सीएम और राज्यपाल ने श्रद्धांजलि देकर किया नमन
पटना। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को पटना में एक भव्य राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पटेल चौक, चितकोहरा पुल के समीप स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रतिमा प्रांगण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार के कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम में देश के महान नेता को श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता के साथ याद किया गया।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया माल्यार्पण
समारोह की शुरुआत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। दोनों ने पुष्प अर्पित कर देश की एकता और अखंडता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले इस महान नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वातावरण पूरी तरह श्रद्धा और गंभीरता से भरा हुआ नजर आया।
मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस राजकीय समारोह में राज्य सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री और जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पथ निर्माण सह नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन, उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री संजय कुमार सिंह ने भी सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके अलावा विधायक श्याम रजक, विधायक अरुण मांझी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा और राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविंद कुमार समेत कई अन्य राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां भी समारोह में मौजूद रहीं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी श्रद्धांजलि
समारोह के दौरान सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन, कीर्तन, बिहार गीत और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई। इन कार्यक्रमों के माध्यम से सरदार पटेल के त्याग, बलिदान और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया गया। देशभक्ति गीतों ने उपस्थित लोगों में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना को और मजबूत किया।
लौह पुरुष के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्हें भारत की एकता का शिल्पकार बताते हुए कहा गया कि स्वतंत्रता के बाद देश को सैकड़ों रियासतों में बंटने से बचाने में सरदार पटेल की भूमिका निर्णायक रही। उनके दृढ़ संकल्प और मजबूत नेतृत्व के कारण ही भारत एक मजबूत और अखंड राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सका।
राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल का योगदान
सरदार वल्लभ भाई पटेल को केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्र निर्माता के रूप में याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा, प्रशासनिक व्यवस्था और संघीय ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश की रियासतों का एकीकरण उनका सबसे बड़ा योगदान माना जाता है, जिसने आज के आधुनिक भारत की नींव रखी।
वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा
समारोह में यह भी कहा गया कि सरदार पटेल का जीवन आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका अनुशासन, ईमानदारी और राष्ट्र के प्रति समर्पण हमें यह सिखाता है कि व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर देशहित में काम करना ही सच्ची सेवा है। उनके विचार और सिद्धांत आज भी प्रशासन और राजनीति के क्षेत्र में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं।
श्रद्धा और सम्मान का माहौल
पूरे आयोजन के दौरान प्रतिमा प्रांगण में श्रद्धा और सम्मान का वातावरण बना रहा। सभी उपस्थित लोगों ने शांत भाव से कार्यक्रम में भाग लिया और सरदार पटेल के आदर्शों को याद किया। पुष्पांजलि अर्पित करने के दौरान लोगों की आंखों में सम्मान और कृतज्ञता का भाव साफ झलक रहा था।
एकता और अखंडता का संदेश
इस राजकीय समारोह के माध्यम से देश की एकता और अखंडता का संदेश भी दिया गया। सरदार पटेल को स्मरण करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज जब समाज में विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं, तब उनके विचार और सिद्धांत और भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। आपसी सद्भाव, एकता और मजबूत राष्ट्र की भावना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समारोह का समापन
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अंत में सभी गणमान्य अतिथियों और उपस्थित लोगों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस प्रकार, पटना में आयोजित यह राजकीय समारोह न केवल एक औपचारिक आयोजन रहा, बल्कि राष्ट्र के महान सपूत को याद करने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी साबित हुआ।


