December 17, 2025

पटना में बाइक पर बैठने के विवाद में पलंबर मिस्त्री के साथ मारपीट, साथी को भी पीटा, फटा सिर

पटना। पटना में एक छोटी-सी बात को लेकर हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक युवा प्लंबर मिस्त्री और उसके सहयोगी के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। यह घटना दिखाती है कि किस तरह रोजमर्रा की सामान्य परिस्थितियों में भी गुस्सा और असहिष्णुता लोगों को हिंसा की ओर धकेल रही है। बाइक पर बैठने जैसे मामूली विवाद में युवक को सड़क पर पटक दिया गया, जिससे उसका सिर फट गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
पीड़ित युवक का परिचय
मारपीट का शिकार हुआ युवक पवन, उम्र करीब 21 वर्ष, पेशे से प्लंबर मिस्त्री है। वह पटना के फुलवारीशरीफ इलाके का रहने वाला है और रोजाना की तरह काम के सिलसिले में शहर के अलग-अलग इलाकों में जाता है। पवन अपने एक सहयोगी के साथ भवन निर्माण विभाग के आवास नंबर-15, अपूर्वा अपार्टमेंट के पास एक मकान में मोटर ठीक करने गया था। काम खत्म होने के बाद दोनों पास ही बैठे हुए थे, तभी यह विवाद शुरू हुआ।
घटना की शुरुआत कैसे हुई
पवन के अनुसार, उन्होंने अपनी बाइक सामुदायिक भवन के पास खड़ी की थी। बाइक के बगल में सीढ़ी बनी हुई थी, जिस पर वे और उनका सहयोगी बैठकर थोड़ी देर आराम कर रहे थे। उसी दौरान एक व्यक्ति वहां आया और बिना पूछे उनकी बाइक पर बैठ गया। पवन ने शांति से उस व्यक्ति से बाइक से उतरने का आग्रह किया, लेकिन उसकी प्रतिक्रिया बिल्कुल उलटी रही।
गाली-गलौज से मारपीट तक
बाइक से उतरने की बात कहने पर आरोपी व्यक्ति गाली-गलौज करने लगा। पवन का कहना है कि बात बढ़ते-बढ़ते अचानक हिंसक हो गई। आरोपी ने गुस्से में पवन का कॉलर पकड़ लिया और उसे सड़क पर जोर से पटक दिया। गिरते ही पवन का सिर सड़क से टकराया और बुरी तरह फट गया। खून बहने लगा और वह वहीं गिर पड़ा। उसके सहयोगी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उसके साथ भी मारपीट की गई।
सहयोगी को भी नहीं बख्शा गया
घटना के दौरान केवल पवन ही नहीं, बल्कि उसका सहयोगी भी हमले का शिकार हुआ। जब उसने पवन को बचाने की कोशिश की, तो आरोपी ने उसके साथ भी हाथापाई की। इससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव किया, तब जाकर मामला शांत हुआ। घायल अवस्था में पवन को इलाज के लिए ले जाया गया।
घायल अवस्था और इलाज
मारपीट के बाद पवन का सिर बुरी तरह जख्मी हो गया था। सिर फटने के कारण काफी खून बहा और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी। प्रारंभिक इलाज के बाद उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन घटना ने उसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी झकझोर दिया है। उसका कहना है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि इतनी छोटी बात पर कोई उसकी जान लेने पर उतारू हो जाएगा।
पुलिस में दर्ज हुआ मामला
घटना के बाद पीड़ित पवन ने थाने में लिखित आवेदन दिया। थानेदार प्रमोद कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है और पीड़ित के आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आरोपी की पहचान कर ली है। आरोपी गर्दनीबाग इलाके का रहने वाला बताया जा रहा है।
आरोपी की तलाश में छापेमारी
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान हो चुकी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। थानेदार ने भरोसा दिलाया है कि बहुत जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी का पहले से कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं रहा है।
बढ़ती असहिष्णुता पर सवाल
यह घटना समाज में बढ़ती असहिष्णुता और गुस्से की प्रवृत्ति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक साधारण-सी बात, जैसे बाइक पर बैठने को लेकर विवाद, इस कदर हिंसक रूप ले सकता है, यह बेहद चिंताजनक है। कामकाजी युवा, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए मेहनत कर रहे हैं, अगर इस तरह की हिंसा का शिकार होने लगें, तो सामाजिक सुरक्षा की भावना कमजोर होती है।
आम लोगों में डर और नाराजगी
घटना के बाद इलाके के लोगों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की मारपीट से आम नागरिकों में डर का माहौल बनता है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में पुलिस सख्ती से कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी छोटी-सी बात पर कानून हाथ में लेने की हिम्मत न करे।
कानून और संयम की जरूरत
यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि किसी भी विवाद का हल हिंसा नहीं हो सकता। थोड़ी-सी बातचीत और संयम से बड़ी घटना को टाला जा सकता था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ समाज को भी यह समझना होगा कि गुस्सा और आक्रोश किसी समस्या का समाधान नहीं है। पटना में प्लंबर मिस्त्री पवन और उसके सहयोगी के साथ हुई मारपीट एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना बताती है कि रोजमर्रा की जिंदगी में शांति, सहनशीलता और कानून का सम्मान कितना जरूरी है। अब सभी की नजर पुलिस की कार्रवाई पर है कि आरोपी को कितनी जल्दी गिरफ्तार किया जाता है और पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं। ऐसी घटनाओं पर सख्त कदम ही समाज में भरोसा और सुरक्षा की भावना को मजबूत कर सकते हैं।

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