पटना में 53 पुलिस अधिकारियों का तबादला, घटनाओं के बाद फेरबदल, अधिसूचना जारी
पटना। पटना में हाल के दिनों में घटित गंभीर आपराधिक घटनाओं और कानून-व्यवस्था को लेकर उठे सवालों के बाद पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। पटना पुलिस की ओर से एक साथ 53 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का तबादला कर दिया गया है। इस व्यापक फेरबदल को प्रशासनिक सख्ती और जवाबदेही से जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इससे जिले की कानून-व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
दो चरणों में जारी हुई तबादले की सूची
पुलिस मुख्यालय द्वारा तबादले की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की गई। शुक्रवार रात जारी पहली सूची में 46 थानेदारों और पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया। इसके बाद शनिवार सुबह दूसरी सूची जारी की गई, जिसमें 7 और पदाधिकारियों का तबादला किया गया। इस तरह कुल 53 अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह फेरबदल पटना जिले में हाल के वर्षों में किए गए सबसे बड़े स्थानांतरणों में से एक माना जा रहा है।
थानों और पदों में महत्वपूर्ण बदलाव
इस तबादले में कई प्रमुख थानों की कमान बदली गई है। कुछ महीने पहले ही कोतवाली थाने की जिम्मेदारी संभालने वाले जनमेजय राय को अब कदमकुआं थाने का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, इंस्पेक्टर राजेश तिवारी को पटना एसएसपी कार्यालय के अंतर्गत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट यानी एएचटीयू का प्रभारी नियुक्त किया गया है। हाल ही में उन्हें कोतवाली थाना क्षेत्र से गायब हुई चार साल की मासूम बच्ची की तलाश की जिम्मेदारी दी गई थी।
सर्किल इंस्पेक्टर स्तर पर भी बदलाव
दूसरी सूची में सर्किल इंस्पेक्टर स्तर पर भी अहम बदलाव किए गए हैं। इंस्पेक्टर राज कुमार सिंह को शास्त्रीनगर और श्रीकृष्णापुरी का सीआई बनाया गया है। वहीं, पहले अगमकुआं थानेदार रहे नीरज कुमार पांडेय को अब कोतवाली और बुद्धा कॉलोनी थाने का सर्किल इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया है। इन बदलावों के जरिए संवेदनशील और व्यस्त इलाकों में अनुभवी अधिकारियों को तैनात करने की कोशिश की गई है।
टीओपी और थानों में नई नियुक्तियां
कई दारोगाओं और सब-इंस्पेक्टरों को भी नई जगहों पर जिम्मेदारी दी गई है। दारोगा नीरज कुमार को एम्स गोलंबर के पास स्थित फुलवारी शरीफ टीओपी का प्रभारी बनाया गया है। इससे पहले वे गौरीचक थाने में तैनात थे। दारोगा चुन पासवान को मुगलपुरा टीओपी खाजेकलां की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, दारोगा प्रभाकर कुमार को जक्कनपुर थाना भेजा गया है और दारोगा निशा को दानापुर के सगुना मोड़ स्थित टीओपी का प्रभारी बनाया गया है।
पुराने थानेदारों का हटना और नई रणनीति
पटना के श्रीकृष्णापुरी थानेदार प्रभात कुमार और अगमकुआं थानेदार नीरज पांडेय पूर्व एसएसपी अवकाश कुमार के कार्यकाल से ही इन थानों में तैनात थे। नए एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के पदभार संभालने के बाद से ही थानों में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं। शुरू में कई ऐसे थानेदार हटाए गए, जिन्हें पूर्व एसएसपी के करीबी माना जाता था, और उनकी जगह ऐसे अधिकारियों को लाया गया, जिन्होंने पहले एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के साथ काम किया था। अब इन दोनों पुराने थानेदारों का भी स्थानांतरण कर दिया गया है।
अपराध की घटनाएं बनीं फेरबदल की बड़ी वजह
इस बड़े प्रशासनिक बदलाव के पीछे हाल की दो बड़ी घटनाओं को प्रमुख कारण माना जा रहा है। पहली घटना अगमकुआं थाना क्षेत्र में हुई, जहां दिनदहाड़े एक हॉस्पिटल में घुसकर संचालिका सुरभि की बेरहमी से हत्या कर दी गई। अपराधियों ने छह से अधिक गोलियां मारीं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गोली किसने चलाई। इस मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठे और इसे थानेदार की बड़ी विफलता माना गया।
श्रीकृष्णापुरी की फायरिंग घटना और पुलिस की निष्क्रियता
दूसरी घटना श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र की है, जहां बोरिंग रोड इलाके में मनचलों ने दिनदहाड़े फायरिंग की। लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी पंकज दराद की गाड़ी ने अपराधियों का पीछा भी किया और सड़क पर दोनों ओर से फायरिंग हुई, लेकिन स्थानीय थाना पूरे घटनाक्रम के दौरान सक्रिय नजर नहीं आया। वायरलेस पर संदेश प्रसारित होने के बावजूद आरोपी मौके से फरार होने में सफल रहे। इस घटना ने भी पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े किए।
कानून-व्यवस्था सुधारने की कोशिश
इन घटनाओं के बाद पटना पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि लापरवाही और अक्षमता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तबादले के जरिए नए सिरे से जिम्मेदारियां तय की गई हैं, ताकि अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। पुलिस अधिकारियों से अब अधिक सक्रियता, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है। यह फेरबदल आने वाले समय में पटना की कानून-व्यवस्था पर कितना असर डालता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।


