December 6, 2025

पटना के चिड़ियाघर में दिखेंगे नए जानवर: दिल्ली और चेन्नई से मार्च तक आएंगे नए मेहमान, जू में बढ़ेगी रौनक

पटना। पटना जू जल्दी ही और अधिक आकर्षक और जीवंत बनने की तैयारी में है। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत आगामी मार्च तक रांची, दिल्ली और चेन्नई के चिड़ियाघरों से कई नए जानवर पटना जू में लाए जाएंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से पटना जू में गौर, स्वैम्प डियर और कुछ अन्य दुर्लभ प्रजातियों को शामिल किया जाएगा। इसके बदले पटना जू अपने यहां उपलब्ध अधिक संख्या वाले घड़ियाल और भेड़िए अन्य चिड़ियाघरों को देगा।
क्यों जरूरी पड़ा एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम?
पटना जू में पिछले कुछ वर्षों में घड़ियाल और भेड़िए की संख्या तेजी से बढ़ी है। जून महीने में ही 60 से अधिक घड़ियाल का जन्म हुआ था, जिससे कुल संख्या लगभग 200 तक पहुंच गई। इसी तरह फरवरी में 12 भेड़ियों के जन्म के बाद जू में मौजूद भेड़ियों की संख्या भी बढ़ गई है। संख्या बढ़ने से बाड़ों में जगह की कमी होने लगी है, और प्रजातियों में जैव विविधता बनाए रखने के लिए आदान-प्रदान आवश्यक हो गया है। इसलिए जू प्रशासन अन्य राज्यों के जू से बातचीत कर रहा है ताकि उन प्रजातियों को लाया जा सके जिनकी यहां कमी है।
इन जानवरों की होगी अदला–बदली
पटना जू घड़ियाल और भेड़ियों का एक्सचेंज करेगा क्योंकि इनकी संख्या जू में पर्याप्त है। इसके बदले रांची जू से गौर, दिल्ली जू से स्वैम्प डियर और चेन्नई जू से कुछ अन्य प्रजातियां लाने की तैयारी है। पटना जू प्रशासन के अनुसार, बातचीत अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि मार्च 2025 तक ये नए जानवर पटना जू में दिखाई देंगे।
घड़ियाल प्रजनन केंद्र के रूप में पहचान
पटना जू घड़ियाल प्रजनन के लिए देश के सफल केंद्रों में से एक है। यहां घड़ियालों की संख्या प्राकृतिक रूप से बढ़ रही है। इसी वर्ष अनेक नए शिशु घड़ियाल पैदा हुए, जिससे यह जू घड़ियाल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। घड़ियाल एक संकटग्रस्त प्रजाति है, जिसे बचाने के लिए देशभर में सीमित केंद्र काम कर रहे हैं। इसलिए पटना से अन्य जू में घड़ियाल भेजना संरक्षण की दृष्टि से लाभदायक है।
भेड़ियों की दुर्लभ प्रजाति—ग्रे वुल्फ
पटना जू में मौजूद भेड़िये ग्रे वुल्फ प्रजाति के हैं, जो अब विलुप्तप्राय श्रेणी में आते हैं। इस प्रजाति का पहला जोड़ा मैसूर जू से 2014 में लाया गया था, और बाद में 2017 व 2018 में एक अन्य जोड़ा वंदालुर जू से आया। प्राकृतिक प्रजनन सफल रहा और अब भेड़ियों की संख्या में वृद्धि होने से एक्सचेंज कार्यक्रम में इन्हें शामिल किया जा रहा है। यह कदम न केवल भेड़ियों की नस्ल को संरक्षित करेगा, बल्कि अन्य जू में भी जैव विविधता को बढ़ाएगा।
पटना जू में आएगा बब्बर शेर
एनिमल एक्सचेंज के अलावा एक और बड़ी तैयारी चल रही है—पटना जू में जल्द ही बब्बर शेर को लाया जाएगा। यह शेर गुजरात से लाया गया है और दिल्ली स्थित सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ बातचीत जारी है। बब्बर शेर अपनी शाही बनावट और खास प्रजाति के कारण बेहद आकर्षक माना जाता है। राजगीर जू सफारी में पहले से मौजूद इस प्रजाति को अब पटना जू में भी शामिल किया जाएगा।
बब्बर शेर के नए केज की विशेष तैयारियां
पटना जू में बब्बर शेर को रखने के लिए विशेष केज बनाया जा रहा है। इसमें लोहे की जाली की जगह मजबूत ग्लास लगाए जाएंगे ताकि दर्शक आसानी से शेर को देख सकें। यह मॉडर्न जू डिजाइन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा और दर्शकों की सुरक्षा के साथ बेहतर दृश्य अनुभव भी देगा।
जू में बढ़ेगी रौनक और आकर्षण
नए जानवरों के आगमन से पटना जू की रौनक और भी बढ़ जाएगी। गौर, स्वैम्प डियर और अन्य प्रजातियों के आने से यहां जैव विविधता में इजाफा होगा। इससे दर्शकों को और ज्यादा आकर्षक अनुभव मिलेगा। जू प्रशासन का मानना है कि अदला–बदली कार्यक्रम से पटना जू न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा। पटना जू में नए जानवरों का स्वागत कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह जैव विविधता को बढ़ाएगा, वन्यजीव संरक्षण का समर्थन करेगा और दर्शकों को अधिक आकर्षक अनुभव प्रदान करेगा। मार्च 2025 तक नए मेहमानों के आने की उम्मीद के साथ ही जू प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है।

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