December 6, 2025

भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर राजकीय समारोह आयोजित, सीएम ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि देकर किया नमन

पटना। भारत रत्न और भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को राजधानी पटना में भव्य राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। पटना हाईकोर्ट के समीप स्थित अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहुंचकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि बाबा साहेब केवल दलितों के ही नेता नहीं थे, बल्कि वे पूरे राष्ट्र के महान विचारक, समाज सुधारक और न्याय के प्रतीक थे। उन्होंने सामाजिक समरसता, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में जो योगदान दिया, वह हमेशा स्मरणीय रहेगा। नीतीश कुमार ने कहा कि अंबेडकर द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री और सांसद संजय कुमार झा, सहित अनेक राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। सभी नेताओं ने अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके सामाजिक योगदान को नमन किया। समारोह के दौरान सूचना एवं जन-संपर्क विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन स्थल को श्रद्धामय वातावरण से भर दिया। विभाग के कलाकारों ने बाबा साहेब के जीवन, संघर्ष और योगदान पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। भजन-कीर्तन और बिहार गीतों की मधुर प्रस्तुति ने लोगों को भावविभोर कर दिया। विशेष रूप से अंबेडकर की शिक्षा, सामाजिक न्याय की लड़ाई और भारतीय संविधान निर्माण में उनकी भूमिका पर आधारित गीतों ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बीच गहरा प्रभाव छोड़ा। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। विभिन्न सामाजिक संगठनों, छात्र समूहों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में पहुंचकर बाबा साहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। कई लोगों ने हाथों में अंबेडकर की तस्वीरें और उनके संदेश लिखे हुए पोस्टर भी लेकर पहुंचे। भीड़ में युवाओं की बड़ी उपस्थिति यह दर्शा रही थी कि अंबेडकर की विचारधारा नई पीढ़ी को भी मार्गदर्शन देती रहती है। कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी। सुरक्षा के लिए प्रतिमा स्थल और आसपास के इलाकों में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई थी। समारोह के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग, प्रवेश-निकास व्यवस्था और सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए थे। महापरिनिर्वाण दिवस के इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि अंबेडकर का जीवन संघर्ष और आत्मविश्वास का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने शिक्षा, समानता और मानवाधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज भी उनके विचार देश को एकता, समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों की दिशा में प्रेरित करते हैं। पटना में आयोजित यह राजकीय समारोह केवल श्रद्धांजलि कार्यक्रम ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और लोकतंत्र के मूल्यों को पुन: स्मरण कराने वाला आयोजन भी था। समारोह का समापन अंबेडकर के संदेशों का संकल्प दोहराते हुए हुआ, जहां उपस्थित लोगों ने बराबरी, न्याय और भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। बाबा साहेब की प्रतिमा पर उमड़ी भीड़ और उनकी स्मृति में गूंजते गीतों ने यह संदेश दिया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर आज भी करोड़ों भारतीयों के हृदय में जीवित हैं और आगे भी पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

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