December 4, 2025

पटना में पारिवारिक कलह से तंग आकर महिला ने की आत्महत्या, जहर खाकर दी जान

पटना। विक्रमपुर गांव में बुधवार देर रात एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को शोकाकुल कर दिया। यहां रहने वाली 26 वर्षीय शबनम खातून ने पारिवारिक तनाव से तंग आकर जहर खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। दो मासूम बच्चों की मां शबनम की इस अचानक मौत से परिवार और पड़ोसियों में गहरा दुख और स्तब्धता फैल गई है।
घटना कैसे हुई
शबनम खातून अपने पति फेंकन नट और दो बच्चों के साथ विक्रमपुर गांव में रहती थीं। फेंकन नट पेशे से वाहन चालक हैं और इसी काम से वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। बुधवार देर रात अचानक ऐसी स्थिति बनी कि शबनम ने जहरीला पदार्थ सेवन कर लिया। घरवालों ने जब उनकी हालत बिगड़ती देखी, तो तुरंत पास के डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के पीछे पारिवारिक कलह का शक
शुरुआती जांच में पुलिस इस घटना को पारिवारिक तनाव और घरेलू कलह से जोड़कर देख रही है। ग्रामीणों ने भी बताया कि पिछले कुछ समय से शबनम मानसिक तनाव से गुजरती दिख रही थीं। हालांकि, यह तनाव किस वजह से था और क्या यह लगातार चल रहे विवाद का परिणाम था, पुलिस इसकी पुष्टि करने से पहले सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि आत्महत्या केवल पारिवारिक विवाद के कारण हुई है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही नदी थाना अध्यक्ष शंकर झा पुलिस टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जांच प्रक्रिया को मजबूत और वैज्ञानिक बनाने के लिए एफएसएल टीम को भी बुलाया गया था। टीम ने घटनास्थल पर फोरेंसिक परीक्षण किया, ताकि यह पता चल सके कि कौन-सा जहर इस्तेमाल किया गया और परिस्थितियां क्या थीं। थानाध्यक्ष शंकर झा ने कहा कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और किसी भी संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा है। उनके अनुसार, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घटना की वास्तविक वजह सामने आए, जिससे आगे की कानूनी कार्रवाई निष्पक्ष रूप से की जा सके।
मायके वालों की प्रतिक्रिया
शबनम की मौत की खबर मिलते ही उनके मायके पक्ष के लोग भी तत्काल गांव पहुंचे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि शबनम बहुत शांत स्वभाव की थीं और अपने बच्चों के प्रति बेहद स्नेही थीं। उनकी अचानक मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। मायके वालों ने भी पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि घटना के पीछे की वास्तविक परिस्थितियाँ स्पष्ट हो सकें।
स्थानीय लोगों में शोक का माहौल
विक्रमपुर गांव में सुबह से ही शोक का वातावरण है। पड़ोसी और ग्रामीण शबनम की मौत को लेकर दुख व्यक्त कर रहे हैं और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। दो छोटे बच्चे, जो अपनी मां की मौत से अनजान हैं, परिवार की चिंता का बड़ा कारण बन गए हैं। कई ग्रामीणों ने कहा कि पारिवारिक विवाद बढ़ने से पहले ही समाधान ढूंढा जाना चाहिए था, ताकि शबनम जैसी नौजवान महिला की जिंदगी यूं न खत्म होती।
समाज में बढ़ती मानसिक दबाव की चुनौतियाँ
यह घटना एक बार फिर उस चिंताजनक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जिसमें घरेलू तनाव और मानसिक दबाव के कारण कई युवा महिलाएं आत्महत्या जैसा कदम उठा रही हैं। घरेलू कलह, आर्थिक दबाव, रिश्तों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उदासीनता, इन घटनाओं के पीछे प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। समाज को न केवल ऐसे मामलों की संवेदनशीलता को समझने की जरूरत है बल्कि समय रहते समाधान की दिशा में कदम उठाने की भी आवश्यकता है। शबनम खातून की आत्महत्या एक दुखद और संवेदनशील घटना है, जिसने दो छोटे बच्चों को मां की छाया से वंचित कर दिया। पुलिस घटना की गहन जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके। यह घटना समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव को नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकता है। जरूरत है कि समाज, परिवार और प्रशासन मिलकर ऐसे मामलों में जागरूकता बढ़ाएं और समय रहते हस्तक्षेप कर ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।

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