जदयू के नरेंद्र नारायण यादव बने विधानसभा के उपाध्यक्ष, निर्विरोध हुआ निर्वाचन
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर जनतादल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र नारायण यादव ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। वे बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुने गए हैं। यह फैसला राजनीतिक परिस्थितियों और एनडीए के भीतर सीटों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया। 4 दिसंबर को इस संबंध में औपचारिक घोषणा की जाएगी।
स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद का समीकरण
बीजेपी और जदयू के बीच विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर लंबे समय से चल रही बातचीत के बाद अंततः यह पद बीजेपी को मिला, और प्रेम कुमार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया। चूंकि पहले से माना जा रहा था कि यदि अध्यक्ष पद जदयू के पास गया तो नरेंद्र नारायण यादव और यदि बीजेपी के पास गया तो प्रेम कुमार ही दावेदार होंगे, इसलिए अध्यक्ष का फैसला होते ही उपाध्यक्ष पद के लिए भी स्थिति स्पष्ट हो गई। इस प्रकार डिप्टी स्पीकर पद स्वाभाविक रूप से जदयू के खाते में गया और नरेंद्र नारायण यादव का नाम तय हो गया।
राजनीतिक संतुलन का खेल
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक हाथ से स्पीकर पद बीजेपी को दिया तो दूसरे हाथ से डिप्टी स्पीकर पद लेकर संतुलन बना लिया। हालांकि यह कोई नया समीकरण नहीं है। पिछली विधानसभा में भी यही स्थिति थी, जब स्पीकर बीजेपी के नंदकिशोर यादव थे और डिप्टी स्पीकर जदयू के महेश्वर हजारी। फर्क इतना है कि इस बार नीतीश कुमार ने गृह विभाग जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बीजेपी को सौंपी है, जिससे दोनों दलों के बीच साझेदारी का संतुलन बनाए रखने का संकेत मिलता है।
कौन हैं नरेंद्र नारायण यादव
नरेंद्र नारायण यादव बिहार के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं। वे 1995 में पहली बार विधायक बने और तब से लगातार आलमनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा स्थिर, मजबूत और प्रभावशाली मानी जाती है। जदयू के शीर्ष नेतृत्व, विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वे बेहद करीबी और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। वर्षों से सक्रिय राजनीति में रहते हुए उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया है, जिसने उनके राजनीतिक कद को और मजबूत किया।
मंत्री के रूप में अनुभव
नीतीश सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने कानून विभाग और लघु जल संसाधन विभाग जैसे महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो संभाले। इन विभागों में कार्य करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को लागू करवाया। उनकी प्रशासनिक समझ और विधायी अनुभव ने उन्हें सरकार और पार्टी दोनों में मजबूत स्थान दिलाया। इन विभागों के संचालन से उन्होंने राज्य में न्यायिक ढांचे और जल संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने में योगदान दिया।
प्रोटम स्पीकर के रूप में भूमिका
2025 के विधानसभा चुनाव के बाद 24 नवंबर 2025 को उन्हें बिहार विधानसभा का प्रोटम स्पीकर नियुक्त किया गया। उन्होंने विधायकों को शपथ दिलाने और नए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को सुचारु रूप से पूरा करवाने की जिम्मेदारी निभाई। यह पद उन्हें इसलिए सौंपा गया क्योंकि वे एक वरिष्ठ विधायक होने के साथ-साथ संविधान और विधानसभा प्रक्रियाओं की गहरी समझ रखते हैं।
लगातार आठवीं बार जीत
आलमनगर सीट से उनकी लगातार आठवीं जीत ने यह साबित कर दिया कि वे अपने क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय और मजबूत जनाधार वाले नेता हैं। 2025 के चुनाव में उन्होंने वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार नवीन कुमार को लगभग 55 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस जीत ने उनकी राजनीतिक ताकत को और अधिक प्रमुखता से सामने रखा है। इसके साथ ही उनका जुड़ाव मंडल कमीशन के जनक बीपी मंडल के परिवार से भी है, क्योंकि वे बीपी मंडल के बेटे मणिंद्र मंडल के समधी हैं। नरेंद्र नारायण यादव का विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना उनके लंबे राजनीतिक अनुभव, संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व गुणों का प्रमाण है। जदयू और एनडीए के भीतर पदों का जो संतुलन बनाया गया है, उसमें उनका चयन एक स्वाभाविक और रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। बिहार की विधान प्रक्रिया और आगामी सत्रों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी, और उम्मीद है कि वे इस पद की गरिमा और जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाएंगे।


