देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित, राज्यपाल और सीएम ने श्रद्धांजलि देकर किया नमन
पटना। भारत के प्रथम राष्ट्रपति और बिहार की गौरवशाली धरती के महान सपूत देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को पटना में भव्य राजकीय समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह आयोजन न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि बिहार और देश के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अविस्मरणीय योगदान को याद करने का अवसर भी रहा।
राजेंद्र चौक पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की श्रद्धांजलि अर्पित
सुबह होते ही पटना के राजेंद्र चौक पर सरकारी कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। निर्धारित समय पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे और डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। दोनों नेताओं ने देशरत्न की महान शिक्षा, स्वदेशी विचारधारा और साधन-संपन्नता से दूर रहकर सरल जीवन जीने की प्रेरणा को नमन किया। माल्यार्पण के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित स्वदेशी कंबल आश्रम की चरखा कात रही महिलाओं के बीच साड़ी का वितरण भी किया। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशी परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
राजेंद्र घाट पर समाधि स्थल पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
राजकीय समारोह का दूसरा चरण राजेंद्र घाट स्थित समाधि स्थल पर आयोजित हुआ। यहां राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित रहे। नेताओं ने समाधि स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर देशरत्न को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान वातावरण में शांति और सम्मान की अनुभूति साफ झलक रही थी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने कुछ देर वहां मौन खड़े होकर राष्ट्रनिर्माण में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के योगदान को याद किया।
राजकीय समारोह में मंत्री, विधायक और कई गणमान्य लोग रहे शामिल
इस अवसर पर बिहार सरकार के कई मंत्रियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी सहित कई विधायक और विधान पार्षद समारोह में पहुंचे। विधायक श्याम रजक, अश्वमेध देवी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा समेत बड़ी संख्या में सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। सभी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा और समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने दिए सांस्कृतिक कार्यक्रम
जयंती समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के कलाकारों ने आरती पूजन, बिहार गीत और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को देशरत्न के स्वदेशी सिद्धांतों, देशभक्ति और नैतिक मूल्यों की याद दिलाई। कई लोगों ने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जोड़ते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन और योगदान को याद करता बिहार
यह जयंती समारोह केवल श्रद्धांजलि का एक औपचारिक मंच नहीं था, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर भी था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद न केवल देश के प्रथम राष्ट्रपति थे, बल्कि एक उत्कृष्ट शिक्षक, वकील, स्वतंत्रता सेनानी और सादगी के पर्याय थे। बिहार में उनके सम्मान में हर वर्ष राज्य स्तर पर आयोजित होने वाला यह समारोह नई पीढ़ी को उनके सिद्धांतों और मूल्यों से परिचित कराता है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे व्यक्तित्व राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं। देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर आयोजित यह राजकीय समारोह उनके राष्ट्रहितकारी योगदान और उच्च नैतिक मूल्यों के प्रति सम्मान का प्रतीक रहा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से यह स्पष्ट हुआ कि बिहार अपने गौरवशाली विरासत को याद रखते हुए आगे बढ़ रहा है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे महामानवों की प्रेरणा आज भी समाज और राजनीति को नई दिशा देती है, और यह समारोह इसी प्रेरणा को आगे बढ़ाने का कार्य करता है।


