अररिया में पुलिस की छापेमारी में 35 लाख रुपए जब्त, अलर्ट मोड पर प्रशासन, चप्पे-चप्पे पर निगरानी
अररिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से पहले अररिया जिले के फारबिसगंज में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। सोमवार देर रात फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (एफएसटी) और स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) ने संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए 35 लाख 20 हजार रुपये नकद बरामद किए। यह कार्रवाई चुनाव में अनुचित गतिविधियों और धन के दुरुपयोग की रोकथाम के तहत की गई। प्रशासन को आशंका थी कि इस राशि का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।
खुफिया सूचना पर हुई छापेमारी
जानकारी के अनुसार, फारबिसगंज अनुमंडल के सदर रोड स्थित ज्योति होटल परिसर में देर रात यह छापेमारी की गई। खुफिया इनपुट मिला था कि इलाके के कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से चुनावी उद्देश्यों के लिए नकदी का लेन-देन किया जा रहा है। सूचना की पुष्टि होते ही फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) रंजीत कुमार रंजन और एसडीपीओ मुकेश कुमार साह ने संयुक्त टीम गठित की। टीम में मजिस्ट्रेट, पुलिस बल, एफएसटी और एसएसटी के सदस्य शामिल थे। टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरे परिसर को चारों ओर से घेर लिया और गहन तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान होटल परिसर से जुड़े दो साइबर कैफे और दुकानों से नोटों की गड्डियां बरामद हुईं। जब गिनती की गई तो कुल राशि 35 लाख 20 हजार रुपये निकली।
आचार संहिता उल्लंघन की संभावना
चुनाव आयोग की आचार संहिता के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के पास 50 हजार रुपये से अधिक की नकदी होने पर उसे उसके वैध स्रोत और उपयोग का प्रमाण देना आवश्यक होता है। इस मामले में बरामद नकदी के संबंध में कोई दस्तावेज या वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जा सका। इसलिए पूरी राशि को जब्त कर लिया गया और इसके स्रोत की जांच शुरू कर दी गई है। एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने बताया कि यह कार्रवाई आदर्श आचार संहिता के तहत की गई है। यदि जांच में यह साबित होता है कि यह रकम चुनावी गतिविधियों में उपयोग की जानी थी, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा और निगरानी में बढ़ोतरी
फारबिसगंज में इस छापेमारी के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को और सख्त कर दिया है। सभी प्रमुख स्थानों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। जिले में विशेष चौकसी बरती जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। एसडीपीओ मुकेश कुमार साह ने बताया कि यह अब तक की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी है जो विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता लागू होने के बाद हुई है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी निगरानी अभियान जारी रहेगा और अगर कहीं भी अवैध नकदी या चुनावी सामग्री पाई गई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
नकदी को आयकर विभाग को सौंपा गया
प्रशासन ने बरामद नकदी को सील कर आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी की और बाद में राशि को आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया। अब आयकर विभाग यह जांच करेगा कि रकम कहां से आई, किसके पास से बरामद हुई और इसका उपयोग कहां होना था। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह राशि चुनावी खर्च के लिए एकत्र की गई थी, लेकिन आधिकारिक पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही होगी।
चुनाव आयोग की सख्त निगरानी
बिहार में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, चुनाव आयोग ने नकदी, शराब और अन्य प्रलोभनों के जरिए वोटरों को प्रभावित करने के मामलों पर निगरानी और कड़ी कर दी है। सभी जिलों में एफएसटी और एसएसटी टीमों को सक्रिय रखा गया है। प्रत्येक टीम में मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं ताकि कार्रवाई में पारदर्शिता बनी रहे। चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत वाहनों की चेकिंग, होटलों और गेस्टहाउसों की निगरानी और संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है। प्रशासन का उद्देश्य है कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल में संपन्न हो।
जिले में अलर्ट मोड पर प्रशासन
अररिया जिला प्रशासन अब पूर्ण रूप से अलर्ट मोड में है। हर थाने के तहत निगरानी चौकियां बनाई गई हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं। होटल, लॉज और कमर्शियल प्रतिष्ठानों की लगातार जांच की जा रही है ताकि किसी भी अवैध गतिविधि को चुनावी प्रक्रिया पर असर डालने से पहले ही रोका जा सके। एसडीओ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास बिना वैध दस्तावेज के बड़ी नकदी पाई गई, तो उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा और संबंधित व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। अररिया जिले में की गई यह छापेमारी चुनावी पारदर्शिता की दिशा में प्रशासन की सतर्कता का स्पष्ट उदाहरण है। 35 लाख रुपये की जब्ती न केवल एक बड़ी कार्रवाई है, बल्कि यह उन लोगों के लिए चेतावनी भी है जो धनबल का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं। प्रशासन की तत्परता और सख्त निगरानी यह संदेश दे रही है कि इस बार चुनाव निष्पक्ष और नियमों के अनुसार कराए जाएंगे। अररिया की यह कार्रवाई राज्य के अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बन गई है, जिससे स्पष्ट है कि चुनाव आयोग और प्रशासन दोनों मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा और स्वच्छ चुनाव के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।


