बीजेपी ने तेजस्वी को बताया आरजेडी का औरंगज़ेब, लिखा- पिता को कैद किया, बड़े भाई की राजनीति की खत्म
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। खासकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के बीच बयानबाजी लगातार तीखी होती जा रही है। इसी क्रम में भाजपा ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को आरजेडी का औरंगज़ेब बताकर बड़ा राजनीतिक हमला किया है।
भाजपा का सीधा हमला
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने लिखा कि तेजस्वी अपने ही परिवार के खिलाफ खड़े हो गए हैं। मालवीय ने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने पहले अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव की राजनीति को खत्म कर दिया और अब अपने पिता लालू प्रसाद यादव को मानो कैदखाने में चुप रहने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा का यह बयान सीधे-सीधे लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान को निशाना बनाता है।
संजय यादव की भूमिका पर सवाल
इस पूरे विवाद में संजय यादव का नाम लगातार चर्चा में है। संजय यादव आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद हैं, जिन्हें तेजस्वी का करीबी सलाहकार और रणनीतिकार माना जाता है। भाजपा का आरोप है कि संजय यादव ही तेजस्वी पर हावी हैं और राजद का असली रिमोट उन्हीं के हाथ में है। मालवीय ने कहा कि तेजस्वी की कमजोर नस को संजय यादव ने दबा रखा है और इसी दबाव में वे परिवार को किनारे कर रहे हैं।
रोहिणी आचार्य का रुख
लालू यादव की बेटी और तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने हाल ही में सोशल मीडिया से अपने परिवार के सदस्यों को अनफॉलो कर यह संकेत दे दिया कि परिवार में सबकुछ ठीक नहीं है। उन्होंने संजय यादव पर खुलकर टिप्पणी की और तेजस्वी की यात्रा के दौरान उनकी तस्वीर साझा कर तंज कसा। रोहिणी का यह कदम उनके और संजय यादव के बीच टकराव की ओर इशारा करता है।
सोशल मीडिया पर विवाद
रोहिणी की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने उन पर राजनीतिक महत्वाकांक्षा का आरोप लगाया और यहां तक कहा गया कि वे संजय यादव को हटाने की कोशिश कर रही हैं। इस दौरान रोहिणी को अपने पिता को किडनी दान देने के प्रसंग को दोबारा याद दिलाना पड़ा। उन्होंने मार्मिक वीडियो साझा कर कहा कि उनके लिए आत्मसम्मान सबसे ऊपर है और उनका राजनीति में कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है।
तेजप्रताप का समर्थन
इस पूरे विवाद में लालू परिवार के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव अपनी बहन के पक्ष में मजबूती से खड़े नजर आए। उन्होंने रोहिणी आचार्य की बातों को सही ठहराते हुए सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में खुलकर बयान दिया। तेज प्रताप ने यहां तक चेतावनी दी कि यदि उनकी बहन का अपमान जारी रहा तो वे ‘सुदर्शन चक्र’ चला देंगे। उनका यह बयान विवाद को और गहरा करने वाला साबित हुआ।
परिवारिक खींचतान पर सियासत
भाजपा ने लालू परिवार की इस अंदरूनी खींचतान को चुनावी हथियार बना लिया है। पार्टी का दावा है कि तेजस्वी यादव खुद को मजबूत करने के लिए परिवार और संगठन के भीतर असहमति की आवाजों को दबा रहे हैं। भाजपा इसे जनता के सामने परिवारवाद और आपसी कलह का प्रतीक बताने की कोशिश कर रही है।
चुनावी रणनीति में असर
इस विवाद का सीधा असर आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर पड़ सकता है। जहां महागठबंधन में पहले से मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं लालू परिवार की कलह से विपक्ष की एकजुटता पर और सवाल खड़े हो सकते हैं। भाजपा इसे अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में है। बिहार की राजनीति में लालू परिवार हमेशा केंद्र में रहा है। अब जब चुनाव करीब हैं, भाजपा ने तेजस्वी यादव को आरजेडी का औरंगज़ेब कहकर नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। रोहिणी आचार्य और तेज प्रताप यादव का खुला विरोध इस विवाद को और हवा दे रहा है। ऐसे में देखना होगा कि राजद और महागठबंधन इस परिवारिक कलह और भाजपा के हमलों का मुकाबला किस तरह करते हैं। चुनावी माहौल में यह विवाद विपक्ष के लिए चुनौती बनता दिख रहा है।


