तेजस्वी कांग्रेस की खुशामद करते रहे पर उन्हें सीएम का नाम नहीं मिला, बुरी तरह हारेगी इंडी गठबंधन: गिरिराज सिंह
बेगूसराय/पटना। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज़ होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में इंडी गठबंधन और इसके प्रमुख नेता तेजस्वी यादव पर करारा हमला बोला। उन्होंने अपने बयान में साफ कहा कि यह गठबंधन केवल स्वार्थ और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं पर आधारित है, इसमें जनता और राज्य के विकास की कोई वास्तविक चिंता नहीं है।
कांग्रेस के प्रति तेजस्वी की निष्ठा पर तंज
गिरिराज सिंह ने विशेष रूप से तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया और कहा कि वह कांग्रेस की खुशामद करते रहे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री पद का नामांकन तक नहीं मिला। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि तेजस्वी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तक घोषित कर दिया, पर बदले में उन्हें राजनीतिक मान्यता नहीं मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि गठबंधन में केवल व्यक्तिगत हित और सत्ता की भूख ही प्राथमिकता है।
इंडी गठबंधन पर सवाल
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन में शामिल नेता जनता की भलाई से अधिक अपने स्वार्थों के लिए एकजुट होते हैं। जैसे ही व्यक्तिगत हितों का टकराव सामने आता है, वैसे ही यह लोग आपस में भिड़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गठबंधन राज्य की राजनीति और जनता दोनों के लिए नुकसानदेह हैं क्योंकि उनका मकसद केवल सत्ता पाना है, न कि विकास करना।
प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका
गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासपरक राजनीति की तुलना इंडी गठबंधन की राजनीति से करते हुए कहा कि मोदी जी जब भी बिहार आते हैं, तो राज्य को नई योजनाओं और परियोजनाओं की सौगात देकर जाते हैं। उनका यह मानना है कि बिहार देश के विकास की धुरी है और जब तक बिहार प्रगति नहीं करेगा, तब तक पूरे देश का विकास अधूरा रहेगा।
विकास की दिशा में बदलाव
अपने भाषण में उन्होंने विस्तार से बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार में बुनियादी ढांचे, सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिले हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने बिहार को हमेशा प्राथमिकता दी है और किसी भी तरह के राजनीतिक भेदभाव के बिना राज्य के विकास में सहयोग किया है।
चुनावी रणनीति का संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि गिरिराज सिंह का यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि यह भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है। उनका उद्देश्य जनता को यह संदेश देना है कि भाजपा और केंद्र सरकार ही बिहार के वास्तविक विकास की राह दिखा सकती है। इसके विपरीत इंडी गठबंधन केवल सत्ता हासिल करने और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बना है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
जहां भाजपा समर्थक इस बयान को विपक्षी गठबंधन की कमज़ोरियों को उजागर करने वाला मान रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे मात्र चुनावी बयानबाजी करार दे रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि भाजपा और उसके नेता केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कई समस्याएँ अब भी जस की तस बनी हुई हैं।
जनता के सामने संदेश
गिरिराज सिंह ने अपने भाषण के माध्यम से यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि भाजपा का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि हर नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। उनका दावा था कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार के हर क्षेत्र में विकास की गति तेज हुई है और आने वाले समय में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
नतीजतन राजनीतिक हलचल
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है। एक ओर भाजपा इसे अपनी चुनावी ताकत और विकास की राजनीति का प्रमाण बताने में लगी है, वहीं विपक्ष इसे झूठे वादों और प्रचार की राजनीति मान रहा है। आने वाले महीनों में यह टकराव और गहरा हो सकता है क्योंकि चुनाव का माहौल तेज़ी से गरम हो रहा है। गिरिराज सिंह का यह बयान स्पष्ट रूप से भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे जनता को यह विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहे हैं कि केवल केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ही बिहार को सही दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। दूसरी ओर, उन्होंने इंडी गठबंधन को स्वार्थ और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं पर आधारित बताते हुए जनता को आगाह किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में जनता किस पर विश्वास जताती है और किसे नकार देती है।


