September 13, 2025

मेघालय में पूर्व सीएम डीडी लपांग का हुआ निधन, 93 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

शिलांग। मेघालय की राजनीति में शुक्रवार रात एक बड़ी क्षति हुई, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डीडी लपांग का 93 वर्ष की आयु में शिलांग के बेथनी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे राज्य सहित देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। सोमवार को उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका जीवन एक साधारण व्यक्ति से असाधारण बनने की प्रेरक कहानी है, जिसने अपनी मेहनत, लगन और सेवा भावना से मेघालय की राजनीति में अमिट छाप छोड़ी।
साधारण जीवन से राजनीति तक का सफर
डीडी लपांग का जन्म 1934 में शिलांग में हुआ था। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा। वे मजदूरी करते थे और साथ ही रात में इवनिंग कॉलेज से पढ़ाई कर अपनी शिक्षा पूरी की। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पाँच वर्षों तक शिक्षक के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही वे टाइपिस्ट और स्कूल निरीक्षक के रूप में भी सेवा कर चुके हैं। धीरे-धीरे राजनीति में रुचि लेकर वे सक्रिय हो गए। 1972 में उन्होंने नोंगपोह से पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसी वर्ष मेघालय को असम से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था। राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए उन्होंने कई मंत्री पदों पर काम किया और राज्य की सेवा में अपना योगदान दिया।
मुख्यमंत्री पद पर असाधारण कार्यकाल
डीडी लपांग ने 1992 से 2008 तक लगातार चार बार मेघालय के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल राज्य की राजनीति में स्थायित्व और विकास का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने अपने नेतृत्व में मेघालय के लोगों के लिए कई योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाया। उनके नेतृत्व में री भोई जिले का निर्माण हुआ, जो आज भी उनके योगदान की याद दिलाता है। उनके कार्यों को देखते हुए 2024 में री भोई जिले में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया, जो उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है।
समाज सेवा और जनकल्याण में योगदान
राजनीति के अलावा डीडी लपांग का जीवन सेवा भाव से जुड़ा रहा। वे हमेशा राज्य की जनता के हित में काम करते रहे। मेघालय के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना के विस्तार में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। उनके कार्यों ने उन्हें राज्य में सबसे स्थायी और भरोसेमंद नेताओं में शामिल किया। उनके योगदान को लोग आज भी याद करते हैं और प्रेरणा के रूप में देखते हैं। उनका जीवन यह संदेश देता है कि मेहनत, धैर्य और सेवा भाव से कोई भी व्यक्ति ऊँचाइयों को छू सकता है।
शोक और संवेदना
मेघालय के वर्तमान मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने डीडी लपांग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लपांग एक सच्चे राजनेता थे जिन्होंने कई वर्षों तक जनता की सेवा की। उन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य के कल्याण और प्रगति के लिए समर्पित कर दिया। संगमा ने री भोई जिले के निर्माण में लपांग की भूमिका को अविस्मरणीय बताया और कहा कि वहां के लोग उन्हें अपना अभिन्न हिस्सा मानते हैं। उन्होंने राज्यवासियों, लपांग के परिवार और प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रेरणा का स्रोत
डीडी लपांग का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। मजदूर से मुख्यमंत्री बनने की उनकी कहानी संघर्ष, आत्मनिर्भरता और सेवा भावना का उदाहरण है। उनका जीवन यह सिखाता है कि परिस्थितियों चाहे कैसी भी हों, अगर व्यक्ति अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ निश्चयी रहे तो वह बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। मेघालय की राजनीति में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनका नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। उनकी साधारण शुरुआत और असाधारण उपलब्धियों ने उन्हें राज्य का गौरव बना दिया।

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