January 1, 2026

चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ेंगे 11 लाख से अधिक नाम, वोटर लिस्ट में पर आपत्ति, तैयारी में लगा आयोग

पटना। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में चुनाव आयोग ने तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बार चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चलाया जा रहा है। प्रारूप मतदाता सूची को लेकर मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है, जिससे साफ है कि लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगस्त माह में 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं में प्रथम बार वोट डालने का उत्साह चरम पर है। 11 लाख 36 हजार 565 युवाओं ने फॉर्म-6 के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। यह आंकड़ा सूबे के युवा मतदाताओं की जागरूकता को स्पष्ट दर्शाता है। विदित हो कि पहली बार वोट डालने की प्रबल इच्छा रखने वाले युवाओं को आयोग ने प्राथमिकता दी है, जिससे उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने में सफलता मिल रही है। मौजूदा विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान करीब दो लाख 11 हजार 650 मतदाताओं ने मतदाता सूची के विरुद्ध दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं। विभिन्न श्रेणियों के मतदाता, विशेषकर युवा, सूची में नाम जुड़े न होने, नामांतरण या अन्य त्रुटियों के लिए अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इससे आयोग को सूची को अद्यतन और निष्पक्ष बनाने में मदद मिल रही है, साथ ही मतदाताओं को भरोसा भी मिल रहा है कि उनकी शिकायतों पर समय रहते कार्यवाही हो रही है। राज्य भर में आयोग की गतिविधियों को राजनीति दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) मजबूती दे रहे हैं। 12 राजनीतिक दलों के कुल एक लाख 60 हजार से अधिक बीएलए सक्रिय हैं, जो मतदाता सूची को संशोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सीपीआईएमएल के बीएलए द्वारा सर्वाधिक 108 दावे-आपत्तियां दर्ज की गई हैं, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को नौ आवेदन जमा कराए हैं। यह दर्शाता है कि राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर मतदाता सूची को सशक्त और सही बनाने की कवायद में जुटे हैं। चुनाव आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए गंभीर प्रयास जारी हैं। पोलिंग बूथों पर बीएलए के सहयोग से मतदाता सूची में सुधार और नामांकनों की प्रक्रिया को अत्यधिक पारदर्शी किया जा रहा है। आम जनता एवं राजनीतिक दलों की सक्रियता से आयोग को काफी सहयोग मिल रहा है, जिससे मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में करीब 65 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे, जोकि सूची को स्वच्छ और अद्यतन बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे निष्कासन आयोग द्वारा जाँच के बाद किए गए हैं, जिससे अपात्र एवं अपवित्र नामों को सूची से बाहर किया जा सके। बिहार में चुनावी तैयारियां अपने चरम पर हैं। आयोग, राजनीतिक दलों और आम जनता के संयुक्त प्रयासों से इस बार की मतदाता सूची कहीं अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनने की उम्मीद है। युवा और नए मतदाताओं की भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत कर रही है। आने वाले समय में चुनाव आयोग नए नाम जोड़ने और दावे-आपत्तियों के निवारण को लेकर अपनी कार्यवाही और अधिक तेज करेगा, ताकि हर पात्र व्यक्ति को मतदान का अधिकार मिल सके।

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