August 20, 2025

महाराजगंज विधानसभा:- कांग्रेस के टिकट पर चमन ने ठोंका दावा,वोटों के समीकरण उथल-पुथल, दुबे के टिकट पर प्रश्नचिन्ह,राजद से भी कई पहलवान

पटना। प्रदेश के महाराजगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक समीकरण बनने बिगड़ने लगे हैं। महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से अभी कांग्रेस के विजय शंकर दुबे विधायक है।विजय शंकर दुबे 2020 में महाराजगंज से चुनाव जीते थे।वही 2015 में वे मांझी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे।इस बार महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर स्थानीय यशवंत कुमार चमन अपना दावा जाता रहे हैं।दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे के पुत्र सत्यम दुबे ने भाजपा ज्वाइन कर लिया था।इसके बाद से विजय शंकर दुबे को कांग्रेस से टिकट मिलने की संभावना क्षीण प्रतीत हो रही है। यशवंत कुमार चमन 1992 से ही कांग्रेस से लगातार जुड़े हुए हैं।इस दौरान उन्हें कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश कमेटी में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी भूमिका अदा की है।इन दिनों लगातार राहुल गांधी के तमाम कार्यक्रमों तथा यात्राओं में समर्थकों समेत शिरकत कर रहे हैं। 2020 में इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के लिए शंकर दुबे ने 48825 वोट लेकर जदयू के हेमनारायण साह 46849 को मात्र लगभग 2000 वोटो से हराने में सफल हो पाए थे। वही डॉ देवरंजन सिंह ने लॉजमा के टिकट पर 18278 मता पाकर तीसरा स्थान कायम रखा था। इस बार भाजपा जदयू तथा लोजपा एक साथ होने से महाराजगंज में महागठबंधन के साथ एनडीए की जबरदस्त लड़ाई होगी। 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू का टिकट पर हेमनारायण साह ने भाजपा के टिकट पर खड़े कुमार देव रंजन सिंह को लगभग 20000 वोटो से पराजित किया था। इसके पूर्व 2010 तथा 2005 के दोनों विधानसभा चुनाव में दामोदर सिंह ने जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी।वही 2000 के विधानसभा चुनाव में उमाशंकर सिंह ने समता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी।नए परिसीमन के तहत महाराजगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र का जातीय समीकरण बहुत हद तक बदल चुका है। महाराजगंज विधानसभा चुनाव में भूमिहार वोटरों की भूमिका बहुत अहम मानी जा रही है। बताया जाता है कि 295221 कुल मतों वाले विधानसभा सीट पर भूमिहार,यादव तथा राजपूत के वोट निर्णायक माने जाते हैं।वहीं मुस्लिम मतों का भी इस विधानसभा क्षेत्र में अपना अलग महत्व है।ब्राह्मण,कुशवाहा तथा कुर्मी वोट भी जीत का समीकरण को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में भूमिहार तब के सामने वाले यशवंत कुमार चमन पर कांग्रेस पार्टी अपना दावा खेल सकती है इन दोनों यशवंत कुमार चमन लगातार कांग्रेस पार्टी में अपने राजनीतिक व्यवस्था को धारदार बनाने में लगे हुए हैं एक छोटी सी मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के बढ़ाहल व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त बनाने के लिए वह मैदान में उतर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के साथ बेहद अन्याय किया है।ऐसे में क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के संकल्प के साथ में मैदान में उतरेंगे उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि कांग्रेस पार्टी इस बार उन्हें टिकट देगी तथा महाराजगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र में महागठबंधन के तरफ से वे ही मैदान में उतरेंगे। पिछली बार महाराजगंज सीट विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे के तहत कांग्रेस के खाते में आई थी। इस बार भी यह सीट बंटवारे के दौरान कांग्रेस के खाते में आने की संभावना ज्यादा है।वैसे महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर भी कई दावेदार हैं।जो तेजस्वी यादव की परिक्रमा कर रहे हैं।वहीं दूसरी ओर कुछ अन्य दावेदार भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए हैं।

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