November 17, 2025

राहुल गांधी ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा का किया ऐलान, 17 को आएंगे, कहा- वोट चोरी के खिलाफ युवा हो एकजुट

पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार की धरती से एक नए जनांदोलन की घोषणा की है, जिसका नाम है – वोट अधिकार यात्रा। यह यात्रा 17 अगस्त 2025 से शुरू होगी और इसका उद्देश्य देशभर में मतदाता सूची में पारदर्शिता लाना तथा कथित वोट चोरी के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना है। राहुल गांधी ने इस अभियान की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो जारी कर की, जिसमें यात्रा का थीम सॉन्ग और संदेश शामिल था। उन्होंने अपने संदेश में स्पष्ट कहा – *“यह सिर्फ एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और ‘वन मैन, वन वोट’ के सिद्धांत की रक्षा का निर्णायक संग्राम है।”* उनका कहना है कि भारत के हर नागरिक का वोट सुरक्षित और निष्पक्ष रूप से गिना जाना चाहिए, और इसके लिए स्वच्छ मतदाता सूची का निर्माण जरूरी है। यह यात्रा 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम रेलवे स्टेडियम से शुरू होगी। लगभग 15 दिनों तक चलने वाली इस मुहिम का समापन 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में होगा। इस दौरान यात्रा बिहार के करीब 25 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा के दौरान तीन दिन का विश्राम (ब्रेक) भी रखा गया है, ताकि आयोजक दल और प्रतिभागी पुनः ऊर्जा प्राप्त कर सकें और यात्रा की तैयारियों को सुदृढ़ कर सकें। इस यात्रा की शुरुआत के पहले दिन राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव, साथ ही *इंडिया एलायंस* (महागठबंधन) के अन्य घटक दल भी इस अभियान में शामिल होंगे। इससे यह साफ है कि यह यात्रा केवल कांग्रेस की राजनीतिक मुहिम नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष के लिए एक साझा मंच का काम करेगी। राहुल गांधी का कहना है कि यह यात्रा वोट चोरी के खिलाफ सीधी लड़ाई होगी। उनका आरोप है कि कुछ ताकतें मतदाता सूची में गड़बड़ी कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर कर रही हैं। वे इस अभियान के जरिए युवाओं, मजदूरों, किसानों और समाज के हर वर्ग से अपील कर रहे हैं कि वे इस संघर्ष में शामिल हों। उनका नारा है – “अब की बार, वोट चोरों की हार – जनता की जीत, संविधान की जीत। बिहार से इस यात्रा की शुरुआत के पीछे राजनीतिक और रणनीतिक कारण भी हैं। बिहार एक राजनीतिक रूप से जागरूक और सक्रिय राज्य माना जाता है, जहां लोकतांत्रिक आंदोलनों की मजबूत परंपरा रही है। यहां से उठी कोई भी राजनीतिक मुहिम राष्ट्रीय स्तर पर असर डाल सकती है। साथ ही, बिहार में इस समय विशेष गहन पुनरीक्षण (मतदाता सूची के अपडेट) की प्रक्रिया चल रही है, जिस पर विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए हैं। ऐसे में राहुल गांधी की यह पहल सीधे तौर पर इस विवाद से जुड़ती है और इसे एक बड़े मुद्दे के रूप में प्रस्तुत करती है।राहुल गांधी की *वोट अधिकार यात्रा* न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में चुनावी ईमानदारी, मतदाता अधिकार और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के मुद्दे को केंद्र में लाने की कोशिश है। इसमें विपक्षी दलों की एकजुटता और जनता की भागीदारी इसे एक व्यापक जनांदोलन का स्वरूप दे सकती है। 17 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाली यह यात्रा राजनीतिक हलकों में चर्चा का प्रमुख विषय बनी रहेगी और आने वाले चुनावों पर इसका असर देखने लायक होगा।

You may have missed