November 18, 2025

प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण, कहा- राहत कार्य अलर्ट मोड पर हो, तुरंत मिले मुआवजा

पटना। बिहार इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में है। लगातार बारिश और नदियों के उफान से गंगा सहित कई नदियों का जलस्तर खतरनाक स्थिति में रहा। हालाँकि गंगा में पानी कुछ कम हुआ है, लेकिन भोजपुर, भागलपुर, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार और मुंगेर समेत कई जिलों में बाढ़ का असर अभी भी गंभीर है। खेत पूरी तरह डूब चुके हैं, सड़कों का संपर्क टूट गया है और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। लाखों लोग रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए नाव या अस्थायी बेड़ों पर निर्भर हैं। इन हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण किया। उनके साथ आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सर्वे के दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्य अलर्ट मोड पर चलाए जाएं। प्रभावित परिवारों को तुरंत अनुग्रह राहत राशि दी जाए और किसानों को फसल क्षति का मुआवज़ा बिना देरी के दिया जाए। उन्होंने प्रशासन को आदेश दिया कि नदी किनारे के इलाकों में जलस्तर पर लगातार नज़र रखी जाए और लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। सीएम ने पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग को भी निर्देश दिया कि बाढ़ से टूटी सड़कों की मरम्मत तत्काल की जाए ताकि आवागमन बहाल हो सके। इससे पहले बुधवार को उन्होंने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्चस्तरीय बैठक की थी। इसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, शीर्ष अधिकारी और प्रभावित जिलों के डीएम शामिल हुए। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि गंगा किनारे के 10 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों में करीब 25 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। राहत-बचाव के लिए एनडीआरएफ की 7 और एसडीआरएफ की 9 टीमें, 60 मोटर बोट और 1233 नावें तैनात की गई हैं। अब तक 52,573 पॉलीथीन शीट और 1,800 सूखा राशन पैकेट बांटे गए हैं। इसके बावजूद, कई इलाकों में पेयजल, दवा और सूखे राशन की कमी बनी हुई है। पानी में डूबी फसलों के सड़ने से किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है। प्रभावित लोगों के सामने स्वास्थ्य और आजीविका दोनों की चुनौती खड़ी है। सरकार का दावा है कि सभी विभाग समन्वय के साथ राहत कार्य में जुटे हैं और किसी भी जरूरतमंद को सहायता देने में देरी नहीं होगी। लेकिन ज़मीनी स्तर पर कई जगह हालात अब भी चिंताजनक हैं, जिससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में राहत और पुनर्वास कार्यों को और तेज़ करना होगा।

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