फतुहा में तेज आंधी से गिरा विशालकाय पेड़, स्टेट हाईवे पर आवागमन बाधित
पटना। फतुहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत मकसूदपुर गांव के पास शुक्रवार को अचानक आई तेज आंधी ने एक बड़ा हादसा कर दिया। पटना-बख्तियारपुर स्टेट हाईवे पर स्थित एक विशालकाय पीपल का पेड़ तेज हवाओं के कारण जड़ से उखड़कर सड़क पर गिर गया। पेड़ इतना बड़ा था कि उसने सड़क की दोनों लेनों को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया। इसके कारण दोनों दिशाओं से आने-जाने वाले वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
त्योहार के दिन जाम की परेशानी
यह घटना ऐसे समय में हुई जब रक्षाबंधन का त्योहार पास ही था और लोगों की आवाजाही सामान्य दिनों की तुलना में काफी अधिक थी। बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए अपने-अपने घरों को जा रही थीं, वहीं कई परिवार अपने रिश्तेदारों से मिलने निकल पड़े थे। लेकिन पेड़ गिरने से उत्पन्न जाम ने उनके सफर में बड़ी रुकावट डाल दी। त्योहार की तैयारी में जुटे लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे, घंटों तक सड़क किनारे या जाम में फंसे रहे।
धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाले श्रद्धालु प्रभावित
घटना के दिन सावन पूर्णिमा का विशेष पर्व भी था, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवसर पर पटना के श्री गौरीशंकर मंदिर, बैकुंठधाम और बैकुंठपुर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु फतुहा के त्रिवेणी संगम घाट से जल लेकर मंदिरों की ओर जाते हैं, लेकिन इस अप्रत्याशित जाम ने उनके मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया। कई श्रद्धालुओं को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ी, जबकि कई लोग वैकल्पिक रास्तों से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचे।
स्थानीय लोगों की तत्परता
घटना के बाद स्थानीय निवासी तुरंत सक्रिय हो गए। मकसूदपुर गांव के निवासी मनोज यदुवंशी ने बताया कि पेड़ गिरने से पूरे इलाके में यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। प्रशासन को तुरंत सूचना दी गई, लेकिन राहत कार्य शुरू होने से पहले ही आसपास के ग्रामीण अपने स्तर पर पेड़ को काटने और हटाने में जुट गए। ग्रामीणों ने कुल्हाड़ियों और आरी की मदद से पेड़ की मोटी शाखाओं को काटना शुरू किया ताकि धीरे-धीरे यातायात फिर से शुरू हो सके।
प्रशासन और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास
थोड़ी देर में प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और सफाई का काम शुरू किया। जेसीबी मशीन और अन्य उपकरणों की मदद से पेड़ के बड़े हिस्सों को हटाया गया। दोनों ओर फंसे वाहन धीरे-धीरे निकलने लगे और कुछ घंटों की मेहनत के बाद सड़क पर यातायात आंशिक रूप से बहाल किया जा सका।
लोगों की मुश्किलें और अनुभव
त्योहार और धार्मिक आयोजन के दिन इस तरह की घटना ने लोगों की कठिनाइयों को कई गुना बढ़ा दिया। कुछ लोगों ने इसे प्राकृतिक आपदा मानते हुए धैर्य रखा, जबकि कई यात्रियों ने प्रशासनिक तैयारी की कमी पर सवाल उठाए। हालांकि, यह भी सच है कि तेज आंधी और पेड़ के अचानक गिरने जैसी घटनाओं की भविष्यवाणी करना कठिन होता है। यह घटना इस बात की ओर भी संकेत करती है कि मुख्य सड़कों पर स्थित पुराने और कमजोर पेड़ों की नियमित जांच और देखभाल जरूरी है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, आपदा प्रबंधन की त्वरित व्यवस्था और स्थानीय लोगों की भागीदारी इस तरह के संकट में बड़ी मदद साबित हो सकती है।


