अररिया में तेज रफ्तार कार में बुजुर्ग को कुचला, दर्दनाक मौत, ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप
अररिया। अररिया में गुरुवार देर रात हुई एक दर्दनाक दुर्घटना ने एक परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया। यह हादसा जीतू चौक भगवानपुर के पास हुआ, जहां एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे खड़े बुजुर्ग को कुचल दिया।
हादसे की घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, मृतक उमेश प्रसाद साह, जो अररिया सदर प्रखंड के रामपुर बुद्धेश्वरी गांव वार्ड संख्या 10 के निवासी थे, गुरुवार रात सड़क किनारे खड़े होकर मोबाइल पर बात कर रहे थे। उसी समय एक तेज रफ्तार कार वहां से गुजरी और अचानक नियंत्रण खोते हुए उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि उमेश साह मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए।
अस्पताल ले जाने के प्रयास और मौत की पुष्टि
घटना के तुरंत बाद आसपास मौजूद स्थानीय लोग और परिजन उमेश साह को सदर अस्पताल अररिया लेकर पहुंचे। अस्पताल में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने प्राथमिक जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही यह खबर फैली, मृतक के परिवार और रिश्तेदारों के बीच कोहराम मच गया। अस्पताल परिसर में गमगीन माहौल बन गया और हर कोई इस हादसे से स्तब्ध रह गया।
परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
मृतक के भांजे ने बताया कि उनके मामा सड़क किनारे खड़े होकर किसी से फोन पर बात कर रहे थे। उसी समय तेज रफ्तार में आ रही कार ने सीधे उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हादसा ड्राइवर की लापरवाही का नतीजा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की गति काफी अधिक थी और चालक ने समय रहते वाहन को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं की।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
अस्पताल प्रबंधन ने इस घटना की जानकारी यातायात थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और घटना की जांच शुरू कर दी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क पर गति सीमा लागू करने, ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन और सड़क किनारे सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
मृतक का परिवार और सामाजिक असर
उमेश प्रसाद साह अपने पीछे पत्नी और बच्चों को छोड़ गए हैं। उनकी अचानक मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, वह मिलनसार और मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे, जिनकी असमय मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
नतीजा और चिंता के मुद्दे
यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार और वाहन चालकों की लापरवाही के खतरों को उजागर करता है। सड़क सुरक्षा उपायों की कमी और ट्रैफिक नियमों के पालन में ढिलाई से आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जब तक प्रशासन, पुलिस और नागरिक सभी मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे, तब तक इस तरह के दर्दनाक हादसों पर रोक लगाना मुश्किल होगा।


