September 17, 2025

चिराग ने प्रशांत किशोर का किया समर्थन, कहा- बिहार के लिए सोचने वालों के साथ हूं, यह लोकतंत्र की खूबसूरती

पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की भूमिका की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एक ईमानदार और सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं। चिराग का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान के लोकप्रिय नारे ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ को अपने अभियान में शामिल कर लिया है।
हाईजैक के आरोपों को किया खारिज
जब चिराग से इस संबंध में सवाल किया गया कि क्या उन्हें लगता है कि उनका नारा हाईजैक कर लिया गया है, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि कोई किसी के एजेंडे को हाईजैक नहीं कर सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी व्यक्ति बिहार के हित में सोचता है और काम करता है, वह स्वागत योग्य है।
जाति-धर्म से ऊपर उठने की अपील
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में राजनीति को जाति, धर्म और पंथ से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए। उन्होंने प्रशांत किशोर की इस सोच की सराहना की कि वे राज्य और राज्यवासियों की भलाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। चिराग ने आगे कहा कि वे बिहार की राजनीति में हर उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करना चाहता है, न कि संकीर्ण मानसिकता से प्रेरित होकर।
लोकतंत्र में विकल्प की खूबसूरती
अपने बयान में चिराग ने लोकतंत्र की खूबसूरती पर जोर देते हुए कहा कि इसमें विकल्प होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को उनका एजेंडा ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ पसंद है तो वह उसका समर्थन करे, अगर कोई किसी विशेष सामाजिक समीकरण जैसे कि मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को पसंद करता है, तो वह उस दिशा में जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका M-Y समीकरण महिला और युवा वर्ग को केंद्र में रखता है, और यदि कोई व्यक्ति इस विचारधारा से जुड़ना चाहता है तो वह भी एक विकल्प है।
राजनीति में सकारात्मक सोच का स्वागत
चिराग पासवान ने दोहराया कि वे राजनीति में आने वाले हर उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं, जो ईमानदारी और सकारात्मक सोच के साथ बिहार के विकास के लिए काम करना चाहता है। उन्होंने प्रशांत किशोर की भूमिका को इसी नजरिए से देखा और उन्हें एक रचनात्मक राजनेता बताया। चिराग पासवान का यह बयान बिहार की राजनीति में एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है। यह न केवल प्रशांत किशोर की भूमिका की सराहना है, बल्कि राजनीति को जाति-धर्म से ऊपर उठकर देखने की सोच को भी मजबूती प्रदान करता है। चिराग का यह दृष्टिकोण लोकतंत्र की विविधता और संवाद की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

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