September 17, 2025

उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों को मिलेगा 10 फ़ीसदी आरक्षण, नया बिल आएगी सरकार

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने देश सेवा में लगे अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। राज्य में पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव फिलहाल विधायी विभाग को भेजा गया है और परामर्श के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
सेवा के बाद रोजगार की चिंता होगी दूर
‘अग्निपथ योजना’ के तहत भारतीय सेना में शामिल होने वाले युवाओं को चार वर्षों की सेवा के बाद बाहर आना होता है। इनमें से केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थायी रूप से सेना में बने रहने का अवसर मिलता है। बाकी 75 प्रतिशत अग्निवीरों को नागरिक जीवन में लौटना पड़ता है। ऐसे में उनकी रोजगार और पुनर्वास की चुनौतियों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यह पहल की है, जिससे उन्हें समुचित अवसर मिल सके।
कई विभागों में मिल सकता है आरक्षण
सरकार के इस प्रस्ताव के तहत पुलिस, परिवहन, वन विभाग, आबकारी और अन्य वर्दीधारी सेवाओं में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। चूंकि अग्निवीर सेना से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटते हैं, इसलिए उनका शारीरिक और मानसिक अनुशासन इन सेवाओं में बेहद उपयोगी माना जा रहा है। यह न केवल पूर्व सैनिकों को रोजगार देगा बल्कि इन विभागों को भी अनुशासित और दक्ष कर्मचारी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही अग्निवीरों के पुनर्वास और समायोजन की घोषणा की थी। इसके क्रम में सरकार ने सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में केवल नौकरियों में आरक्षण ही नहीं बल्कि अन्य कई सुझाव भी दिए गए हैं।
रिपोर्ट में अन्य सिफारिशें भी शामिल
समिति की रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों की अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए। साथ ही, यदि कोई पूर्व अग्निवीर सेवा के बाद अपनी शैक्षिक योग्यता बढ़ाना चाहे तो राज्य के शिक्षण संस्थानों में उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें स्वरोजगार और ऋण योजनाओं में भी प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अग्निवीरों को जीवन में आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिलें।
अन्य राज्यों में भी दी जा रही है सुविधा
उत्तराखंड से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अग्निवीरों को राज्य पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। साथ ही उन्हें आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट भी दी गई है। राजस्थान और हरियाणा ने भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और अन्य केंद्रीय सेवाओं में भी अग्निवीरों को विशेष प्राथमिकता देने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तराखंड सरकार की यह पहल केवल पूर्व अग्निवीरों के सम्मान और पुनर्वास का मामला नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं को प्रेरित करने का भी प्रयास है जो देश सेवा के लिए सेना में शामिल होते हैं। सरकार की इस योजना से अग्निवीरों को एक सुरक्षित भविष्य मिलेगा और उनकी सेवा का उपयुक्त सम्मान भी होगा। यह कदम समाज में सैन्य सेवा के प्रति सम्मान और भरोसे को और मजबूती देगा।

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