बढ़ते क्राइम को लेकर चिराग ने पुलिस पर उठाए सवाल, कहा- समझ नहीं आता प्रशासन की जिम्मेदारी क्या है, कौन जबाब देगा

पटना। बिहार में लगातार बढ़ रहे अपराध की घटनाओं को लेकर अब सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी चिंता जताई है। उन्होंने राज्य में हो रही हत्याओं और आपराधिक वारदातों पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिहार पुलिस की भूमिका और प्रशासन की जिम्मेदारी पर सीधा सवाल उठाया है।
तृष्णा मार्ट के मालिक की हत्या से मचा हड़कंप
11 जुलाई 2025 की रात राजधानी पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर इलाके में हुई एक हत्या ने राज्य के सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इस घटना में तृष्णा मार्ट के मालिक विक्रम झा को अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया। यह घटना रात लगभग 11 बजे की है, जब विक्रम झा अपने व्यवसाय से लौट रहे थे। इस निर्मम हत्या ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
व्यापारियों पर बढ़ते हमले
विक्रम झा मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले थे और पटना में तृष्णा मार्ट नामक एक प्रसिद्ध किराना दुकान चला रहे थे। पुलिस की शुरुआती जांच में हत्या के पीछे कारोबारी दुश्मनी, पुराने विवाद, लेन-देन या आपराधिक गिरोह की भूमिका की आशंका जताई गई है। यह पहली घटना नहीं है जब किसी कारोबारी को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी पटना में गोपाल खेमका जैसे प्रतिष्ठित व्यवसायी की हत्या और रमाकांत यादव पर हुए जानलेवा हमले जैसे मामले सामने आ चुके हैं। ये घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि व्यापारी वर्ग अपराधियों के निशाने पर है।
चिराग पासवान ने प्रशासन की नाकामी को बताया चिंता का विषय
इन घटनाओं के सिलसिले में चिराग पासवान ने प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अब समझ से परे हो गया है कि राज्य में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी आखिर क्या है। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर इन हत्याओं की जवाबदेही कौन लेगा। चिराग का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह खुद एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं और नीतीश सरकार के सहयोगी हैं।
राजनीतिक दबाव में आ रही नीतीश सरकार
चिराग पासवान के इस बयान से नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अब जब सत्ता पक्ष की ही पार्टी सवाल उठा रही है, तो सरकार के लिए जवाब देना आसान नहीं होगा। विपक्ष तो पहले से ही राज्य में अपराध के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रहा है, लेकिन अब सहयोगी दलों की ओर से उठे सवालों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर संदेह खड़ा कर दिया है।
जनता में बढ़ती असुरक्षा की भावना
बिहार में जिस प्रकार व्यापारी, आम नागरिक और महिलाएं अपराधियों के निशाने पर आ रहे हैं, उससे आम जनता में असुरक्षा की भावना तेजी से बढ़ी है। खासकर राजधानी पटना जैसी जगह पर जब खुलेआम गोलीबारी और हत्या की घटनाएं होती हैं, तो यह पुलिस की नाकामी को उजागर करती हैं। जरूरत इस बात की है कि प्रशासन अपराध पर लगाम लगाने के लिए ठोस रणनीति अपनाए। केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। पुलिस तंत्र को जवाबदेह और प्रभावी बनाना होगा। साथ ही, व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे। अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो इसका असर न केवल राज्य की कानून व्यवस्था पर, बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन की राजनीतिक साख पर भी पड़ेगा। बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर चिराग पासवान की चिंता आम जनता की भावना की ही प्रतिध्वनि है। अब देखना यह होगा कि नीतीश सरकार इस पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है और क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
