November 18, 2025

विधानसभा चुनाव में होगी निशांत की एंट्री, जदयू सांसद बोले- इस्लामपुर से लड़े, जनता जीत की माला पहनाएगी

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। इस बार चर्चा का केंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार हैं, जिन्हें लेकर जेडीयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा चुनाव में उतरने की मांग की है। नालंदा से जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार और विधायक विनय चौधरी ने खुलकर समर्थन किया है कि निशांत को राजनीति में आकर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। खासकर इस्लामपुर विधानसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मंच दिया जाए।
नालंदा से उठी मांग
नालंदा जिले के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने एक बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए कहा कि अगर निशांत कुमार इस्लामपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें भारी समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि जनता उन्हें सिर आंखों पर बिठाएगी और जीत की माला पहनाकर विधानसभा तक पहुंचाएगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल अपनी रणनीति तय कर रहे हैं। सांसद कौशलेंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि वे सिर्फ पार्टी के नेता नहीं, बल्कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की भावनाओं को नीतीश कुमार तक पहुंचा रहे हैं। उनका मानना है कि निशांत में अपने पिता नीतीश कुमार जैसी नेतृत्व क्षमता है और वे भी राज्य की सेवा में प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं।
विधायक का भी समर्थन
जेडीयू विधायक विनय चौधरी ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार की जनता निशांत कुमार को एक युवा और सशक्त नेता के रूप में देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि निशांत अगर कहीं से भी चुनाव लड़ते हैं तो जनता उन्हें भरपूर समर्थन देगी। उनके अनुसार, निशांत का राजनीति में आना एक नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सकता है और उनके आने से जेडीयू को नया ऊर्जा और नेतृत्व मिलेगा।
निशांत का अब तक का रुख
गौरतलब है कि निशांत कुमार अब तक राजनीति से दूर ही रहे हैं। वे निजी जीवन में अपेक्षाकृत शांत और पृष्ठभूमि में रहने वाले व्यक्ति माने जाते हैं। कई बार उन्होंने सार्वजनिक मंच से राजनीति में आने को लेकर कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में जब-जब उनकी उपस्थिति किसी राजनीतिक कार्यक्रम में देखी गई है, तब-तब अटकलों का बाजार गर्म हुआ है। इस बार जब खुद पार्टी के सांसद और विधायक उनके नाम पर खुलकर बात कर रहे हैं, तो यह इशारा है कि जेडीयू अब परिवारिक उत्तराधिकार को लेकर स्पष्ट नीति की ओर बढ़ रही है।
पारिवारिक उत्तराधिकार की राजनीति
बिहार ही नहीं, देश की राजनीति में अब उत्तराधिकार की परंपरा कोई नई बात नहीं रही। लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान और मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव जैसी अनेक मिसालें सामने हैं। ऐसे में अगर नीतीश कुमार अपने पुत्र को राजनीति में लाते हैं, तो यह कोई असामान्य बात नहीं होगी। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता निशांत को नीतीश कुमार के समान समर्थन देती है या नहीं।
विधानसभा चुनाव की रणनीति में नया मोड़
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि जेडीयू आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति को नए सिरे से गढ़ रही है। निशांत को आगे कर पार्टी युवा चेहरा प्रस्तुत करना चाहती है, जिससे वह आने वाली पीढ़ियों के बीच पकड़ मजबूत कर सके। यह कदम भाजपा और विपक्ष के लिए भी नई चुनौती बन सकता है। निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री की अटकलें बिहार की राजनीति को नई दिशा दे सकती हैं। यदि वे वाकई चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह न केवल जेडीयू के लिए, बल्कि पूरे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य के लिए अहम मोड़ साबित हो सकता है। जनता और पार्टी के नेता उनके समर्थन में सामने आ चुके हैं, अब देखना यह है कि स्वयं नीतीश कुमार और निशांत इस पर क्या निर्णय लेते हैं। बिहार की जनता भी अब इंतजार कर रही है कि क्या वाकई मुख्यमंत्री का बेटा विधानसभा की सीढ़ियों तक पहुंचेगा।

You may have missed