सुधाकर सिंह का प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला, कहा- उनके पास ग्रेजुएशन की डिग्री नही, उनकी पार्टी में उनसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग

पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बार बक्सर से राजद सांसद सुधाकर सिंह ने जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने प्रशांत किशोर की शैक्षणिक योग्यता, नेतृत्व क्षमता और उनकी पार्टी की राजनीतिक दिशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान सुधाकर सिंह ने प्रशांत किशोर की तुलना उनकी आलोचनाओं के केंद्रबिंदु तेजस्वी यादव से करते हुए कई तीखे बयान दिए।
प्रशांत किशोर की डिग्री पर सवाल
सुधाकर सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर बार-बार तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े करते हैं, जबकि खुद उनके पास ग्रेजुएशन की डिग्री तक नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रशांत किशोर स्नातक हैं तो अपनी डिग्री सार्वजनिक करें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जन सुराज पार्टी में प्रशांत किशोर से अधिक पढ़े-लिखे लोग हैं, ऐसे में उनकी यह आलोचना न केवल निराधार है, बल्कि दोहरे मापदंड की भी मिसाल है।
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री की मांग करें: सुधाकर सिंह
राजद सांसद ने यह भी कहा कि अगर प्रशांत किशोर को शैक्षणिक योग्यता से इतनी ही चिंता है तो उन्हें पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब किशोर खुद यह दावा करते हैं कि उन्होंने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया, तो उन्हें पहले उनकी डिग्री के बारे में पूछना चाहिए। इसके बजाय वे बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत हमलों में उलझे हुए हैं।
जन सुराज पर कटाक्ष: ‘इवेंट मैनेजमेंट की पार्टी
सुधाकर सिंह ने जन सुराज को लेकर भी तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति को सेवा नहीं बल्कि मनोरंजन का माध्यम मानते हैं। उनकी बिहार बदलाव यात्रा केवल एक इवेंट मैनेजमेंट है, जिसमें न तो कोई ठोस विचारधारा है और न ही कोई स्पष्ट उद्देश्य। सुधाकर सिंह ने यहां तक कह दिया कि जन सुराज पार्टी के अधिकतर सदस्य “फ्यूज बल्ब” हैं, जिनसे न कोई उम्मीद की जा सकती है और न ही वे राज्य के लिए कुछ ठोस कर सकते हैं।
आरसीपी सिंह और उदय सिंह पर भी निशाना
राजद सांसद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के जन सुराज में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह वही लोग हैं जो जहां भी जाते हैं वहां अपनी ही पार्टी के लिए समस्या बनते हैं। उन्होंने आरसीपी सिंह को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए कहा कि उनके पास अवैध धन है, जिसे वे इवेंट मैनेजमेंट में झोंक रहे हैं। साथ ही सुधाकर सिंह ने यह भी कहा कि इससे आम जनता को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि यह सब केवल दिखावा है।
उदय सिंह की नियुक्ति पर राजनीतिक संकेत
सुधाकर सिंह ने जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए उदय सिंह पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उदय सिंह का राजनीतिक पृष्ठभूमि भाजपा, जदयू और एनडीए से जुड़ा रहा है, ऐसे में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने का सीधा मतलब यह है कि जन सुराज की विचारधारा भी एनडीए के इर्द-गिर्द घूमती है। उन्होंने इसे जन सुराज की असल पहचान को उजागर करने वाला कदम बताया। राजनीतिक बयानबाजी के इस दौर में सुधाकर सिंह के इस हमले ने बिहार की सियासत में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर यह बयान जन सुराज और प्रशांत किशोर की छवि पर सवाल उठाता है, वहीं यह भी दर्शाता है कि बिहार में राजनीतिक टकराव अब केवल नीतियों और विचारधाराओं तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि व्यक्तिगत जीवन और डिग्रियों तक भी पहुंच चुका है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी इस तीखी आलोचना का क्या जवाब देते हैं।
