December 3, 2025

पटना में बाढ़ और सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए संबंधित दिशा निर्देश

  • नीतीश बोले- बाढ़ और सुखाड़ के लिए तैयार रहें, समय से पहले पूरी हो तैयारी, पीड़ितों की मदद प्राथमिकता

पटना। पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक मुख्य सचिवालय स्थित सभा कक्ष में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में बाढ़ और सुखाड़ से संबंधित तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बाढ़ राहत की व्यवस्थाओं की समीक्षा
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इसमें नाव, पॉलिथिन शीट, दवाएं, पशुचारा, सामुदायिक रसोई, सूखा राशन, बाढ़ आश्रय स्थल, और जिला आपात संचालन केंद्र जैसे प्रबंध शामिल थे। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि इस वर्ष जून में सामान्य से कम वर्षा की संभावना है, जबकि जुलाई से सितंबर के बीच सामान्य वर्षा हो सकती है। इस आधार पर मुख्यमंत्री ने पहले से ही सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए।
सामुदायिक रसोई और राहत कार्यों पर जोर
मुख्यमंत्री ने सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा प्राप्त कर चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न हो और पीड़ितों को समय पर मदद उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, उन्हें खाना, पीने का पानी, और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए।
तटबंधों की समय पर मरम्मत और बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि तटबंधों की मरम्मत समय पर पूरी कर ली जानी चाहिए, ताकि बाढ़ आने की स्थिति में कोई क्षति न हो। इसके साथ ही पीने के पानी, चिकित्सा व्यवस्था और सड़कों की मरम्मत जैसे बुनियादी कामों को समय रहते पूरा करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि यदि फसलों को नुकसान पहुंचता है, तो किसानों को तत्काल सहायता दी जाए।
जिलों के प्रभारी मंत्रियों को दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में जाकर बैठक करें, वस्तुस्थिति की जानकारी लें और उसी आधार पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्य योजना बनाना अधिक प्रभावी होगा। जिलों के अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया कि वे समन्वय बनाकर काम करें और हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें।
पिछली आपदाओं से ली गई सीख और वर्तमान व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने 2007 और 2008 में आई बाढ़ तथा कोसी त्रासदी का उल्लेख करते हुए बताया कि इन आपदाओं से राज्य सरकार ने काफी कुछ सीखा है और उसी के आधार पर आपदा प्रबंधन प्रणाली को लगातार मजबूत किया गया है। उन्होंने बताया कि 2016 से बाढ़ पीड़ितों को 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी, जिसे 2023 में बढ़ाकर 7 हजार रुपये कर दिया गया है। वहीं, बाढ़ या अन्य आपदाओं में मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
बैठक में विभिन्न विभागों की सहभागिता
इस अहम बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा जल संसाधन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, पशु संसाधन, योजना और कृषि विभागों के मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और मौसम विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इन सभी विभागों की भागीदारी से यह सुनिश्चित किया गया कि राज्य भर में किसी भी आपदा की स्थिति में समुचित और त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस समीक्षा बैठक से स्पष्ट है कि बिहार सरकार संभावित बाढ़ और सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर पूरी तरह सजग है। राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल आपदा की स्थिति से निपटना है, बल्कि उससे पहले ही सभी तैयारियां सुनिश्चित करना है, ताकि आम जनता को न्यूनतम नुकसान हो और राहत कार्य बिना किसी बाधा के समय पर पूरे किए जा सकें।

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