December 3, 2025

पप्पू यादव ने अजय राय के बयान का किया समर्थन, कहा- उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा, कई मामलों की जांच अभी तक नहीं हुई

पूर्णिया। कांग्रेस नेता अजय राय द्वारा राफेल मुद्दे पर की गई टिप्पणी के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अजय राय के बयान को लेकर जहां एक ओर सत्तापक्ष उन्हें घेरने में लगा है, वहीं दूसरी ओर पूर्णिया से सांसद और पप्पू यादव उनके समर्थन में उतर आए हैं। पप्पू यादव ने राय के बयान को ‘सच और साहस का प्रतीक’ बताया है और कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। पप्पू यादव ने कहा कि राफेल डील में घोटाले की आशंका लंबे समय से जताई जा रही है, लेकिन अभी तक उसकी कोई निष्पक्ष जांच नहीं हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलवामा हमले में इस्तेमाल हुआ आरडीएक्स आखिर कहाँ से आया, यह आज तक देश को क्यों नहीं बताया गया। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एके-47 मिलने पर भी चिंता जताई और कहा कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन सरकार चुप है। उन्होंने कहा कि “अगर आज इंदिरा गांधी होतीं, तो चाइना भी भारत की तरफ आंख उठाने से डरता।” पप्पू यादव ने पड़ोसी देशों की भारत विरोधी टिप्पणी पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और श्रीलंका के एक अधिकारी के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि आज हमारी कूटनीति कमजोर पड़ती दिख रही है। उन्होंने तीखा सवाल किया, “हमारी एजेंसियां कहाँ हैं? अजित डोभाल कहाँ हैं? इज़राइल हर हमले का जवाब देता है, लेकिन भारत खामोश क्यों है।जातीय जनगणना को लेकर भी पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में ज़मीनी हक़ीक़त को उजागर करने के लिए जातिगत जनगणना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “ओबीसी और ईबीसी में यादव ही एकमात्र जाति है जिसकी संख्या 17% है लेकिन ज़मीन उनके पास केवल 7.2% है। वहीं, 70% ज़मीन आज भी सवर्ण जातियों — ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत — के पास है। पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि मंडल आयोग के बाद भी ओबीसी, ईबीसी और अन्य गरीब तबकों को न तो राजनीति में और न ही नौकरी में समुचित हिस्सेदारी मिली। उन्होंने ‘जनसंख्या के अनुसार भागीदारी’ की मांग करते हुए कहा कि यदि एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी की संख्या ज्यादा है तो देश का प्रधानमंत्री भी वहीं से बनना चाहिए।सांसद ने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह पहलगाम हमले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को टाल रही है। उन्होंने कहा कि संघ विचारधारा से जुड़े लोग मनुस्मृति का समर्थन करते हैं और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ रहे हैं। ऐसे में यह तय करना जरूरी है कि देश किस दिशा में जा रहा है। पप्पू यादव के इस बयान से बिहार की राजनीति में नया उबाल आ सकता है, खासकर जब देश में लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां धीरे-धीरे तेज हो रही हैं।

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