December 3, 2025

मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा कोटे के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे नीतीश, चुनाव समेत कई एजेंडों पर होगी चर्चा

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक गतिविधियों को लेकर बेहद सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर भाजपा कोटे के मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक शाम 4 बजे शुरू होगी, जिसमें भाजपा कोटे से बिहार सरकार में शामिल सभी मंत्री भाग ले सकते हैं।
जदयू मंत्रियों के साथ भी हो चुकी है चर्चा
इससे ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने जदयू कोटे के मंत्रियों के साथ भी लंबी बैठक की थी। उस बैठक में करीब चार घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद मंत्री लेसी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री नियमित रूप से ऐसी बैठकें करते हैं और इस बार भी संगठन को मजबूत बनाने तथा जमीनी स्तर पर सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने को लेकर रणनीति बनी है।
बैठक का संभावित एजेंडा: बोर्ड-निगम गठन और चुनावी तैयारी
सूत्रों के अनुसार भाजपा मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक का मुख्य एजेंडा राज्य में बोर्ड और निगमों का गठन हो सकता है। माना जा रहा है कि किन नेताओं को इनमें स्थान दिया जाए, इस पर मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों से राय लेने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई जा सकती है।
जाति जनगणना और केंद्र की नीति पर चर्चा की संभावना
बैठक में जाति आधारित जनगणना से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। खासतौर पर यह विचार हो सकता है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय को एनडीए किस तरह चुनाव में अपने पक्ष में भुना सकती है। इसके लिए प्रचार और नीति निर्धारण से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की जा सकती है।
तेजस्वी की घोषणाओं से बढ़ी एनडीए की चिंता
वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल के दिनों में कई लोकलुभावन घोषणाएं की हैं, जिनमें माई-बहिन मान योजना, 200 यूनिट मुफ्त बिजली और जीविका दीदियों का मानदेय बढ़ाना शामिल है। इन घोषणाओं ने एनडीए खेमे में चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में इस बैठक में यह भी चर्चा हो सकती है कि तेजस्वी की इन योजनाओं का कैसे जवाब दिया जाए।
नई योजनाओं की घोषणा संभव
यह संभावना जताई जा रही है कि बैठक के बाद सरकार कुछ नई लोकलुभावन योजनाओं की भी घोषणा कर सकती है, ताकि आगामी चुनाव में जनता का भरोसा मजबूत किया जा सके। अब देखना होगा कि भाजपा और जदयू मिलकर किस रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरते हैं।

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