दीघा के रिसोर्ट में कल महागठबंधन की तीसरी बड़ी बैठक, तेजस्वी समेत घटक दलों के नेता रहेंगे मौजूद, सीट शेयरिंग पर चर्चा संभव
पटना। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बिहार में महागठबंधन की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में शनिवार को महागठबंधन की तीसरी बड़ी और अहम बैठक राजधानी पटना के दीघा-आशियाना रोड स्थित एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित की जाएगी। यह बैठक सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी, जिसमें महागठबंधन के सभी घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता महागठबंधन के संयोजन समिति के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और वाम दलों के नेता मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में सीट बंटवारे को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव की रणनीति, जिला स्तर की गतिविधियां और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपने जैसे मुद्दों पर भी मंथन होगा। बैठक में राजद, कांग्रेस, वीआईपी, माले, सीपीआई और सीपीएम के नेता, विधायक, सांसद, विधान पार्षद, जिला अध्यक्ष, सचिव और प्रधान सचिव भी शामिल होंगे। सभी दलों को आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर पर तैयारी का खाका पेश करने को कहा गया है। गौरतलब है कि महागठबंधन की पहली बैठक 17 अप्रैल को राजद कार्यालय में आयोजित हुई थी, जो करीब तीन घंटे चली थी। उसी बैठक में तेजस्वी यादव को कॉ-ऑर्डिनेशन कमेटी का चेयरमैन चुना गया था।महागठबंधन की 21 सदस्यीय संयोजन समिति में सभी प्रमुख दलों और सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। समिति में राजद से तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, संजय यादव, आलोक मेहता और रणविजय साहू; कांग्रेस से राजेश राम, कृष्णा अल्लावरू, शकील अहमद खान और डॉ. मदन मोहन झा; माले से कुणाल, धीरेन्द्र झा और राजाराम सिंह; सीपीएम से ललन चौधरी, अजय कुमार और अवधेश कुमार; सीपीआई से रामनरेश पांडेय, रामबाबू कुमार और अजय कुमार सिंह तथा वीआईपी से मुकेश सहनी, बालगोविंद बिंद और पप्पू चौहान शामिल हैं। कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने पिछली बैठक में भले ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सीधे जवाब नहीं दिया था, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक के बाद महागठबंधन की रणनीति और चुनावी तालमेल को लेकर स्पष्ट दिशा तय हो सकती है।


