रोहतास में रेलवे विजिलेंस टीम की छापेमारी, हिरासत में लिए गए इंजीनियरिंग विभाग के चार कर्मचारी

रोहतास। बिहार के रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन में रेलवे इंजीनियरिंग विभाग को लेकर एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। रेलवे विजिलेंस टीम ने भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर डेहरी रेलवे स्टेशन और आसपास के कार्यालयों में छापा मारा। इस छापेमारी के दौरान विभाग के चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई
विजिलेंस की यह कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय सूचना के आधार पर की गई थी। सूत्रों की मानें तो विभाग के कुछ कर्मचारियों पर ठेकेदारों से रिश्वत लेने और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगे थे। विजिलेंस टीम को पहले से सूचना थी कि इंजीनियरिंग विभाग में कुछ कर्मचारी निर्माण कार्यों और मरम्मत से जुड़े टेंडर में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुँचा रहे हैं।
जब्ती और दस्तावेजों की जांच
छापेमारी के दौरान टीम ने न सिर्फ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए, बल्कि कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी कब्जे में लिए। इनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन-किन परियोजनाओं में अनियमितता हुई है और किस स्तर पर रिश्वत का लेन-देन हुआ। फिलहाल दस्तावेजों की गहन जांच जारी है और इलेक्ट्रॉनिक डेटा की फॉरेंसिक पड़ताल भी करवाई जा रही है।
हिरासत में लिए गए कर्मचारी
अब तक जिन चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है, उनके नाम और पदों का आधिकारिक रूप से खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चल रही खबरों के अनुसार, इन कर्मचारियों में कुछ वरिष्ठ अभियंता और कनिष्ठ स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को फिलहाल पूछताछ के लिए विजिलेंस टीम अपने साथ ले गई है, जहां उनसे घंटों तक अलग-अलग तरीके से पूछताछ की जा रही है।
विभाग और कर्मचारियों में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद डेहरी के रेलवे विभाग में भारी हड़कंप मच गया है। स्थानीय रेलवे कर्मचारी, ठेकेदार और कार्यालय से जुड़े अन्य कर्मचारी इस अचानक हुई कार्रवाई से स्तब्ध हैं। कुछ ठेकेदारों ने तो अपनी परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की जांच भी शुरू कर दी है, ताकि वे किसी तरह की कानूनी कार्रवाई से बच सकें।
आगे की कार्रवाई की संभावना
विजिलेंस की टीम अब जब्त दस्तावेजों, फोन कॉल रिकॉर्ड्स, ईमेल और अन्य डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण कर रही है। अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं तो गिरफ्तार कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज हो सकते हैं। साथ ही, इन कर्मचारियों को निलंबित या बर्खास्त भी किया जा सकता है।
ठेकेदारों की संलिप्तता की भी जांच
जांच का दायरा सिर्फ रेलवे के कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ठेकेदारों की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है। यदि कोई ठेकेदार इस भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह मामला केवल स्थानीय स्तर तक सीमित है या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है।
रेलवे विभाग की साख पर सवाल
इस घटना ने न सिर्फ इंजीनियरिंग विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि रेलवे विभाग की साख को भी प्रभावित किया है। आम जनता और यात्रियों में यह धारणा बनती जा रही है कि रेलवे में भ्रष्टाचार जड़ें जमा चुका है। इससे यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं और विकास कार्यों पर भी असर पड़ सकता है। रोहतास में हुई यह छापेमारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और रेलवे विभाग की सक्रियता को दर्शाती है। यह कार्रवाई अन्य विभागों के लिए भी चेतावनी है कि अब अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में इस जांच से जुड़े और भी खुलासे हो सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार की जड़ें गहराई तक उजागर होंगी। प्रशासन की निगाह अब हर स्तर पर बनी हुई है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
