पीयू के छात्र आज से करें हॉस्टल के लिए आवेदन, 26 तक खुला रहेगा पोर्टल
पटना। पीयू के छात्र अब हॉस्टल के लिए आवेदन कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है। आवेदन की प्रक्रिया 10 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और यह 26 अप्रैल तक जारी रहेगी। यह खबर यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए राहत लेकर आई है, खासकर उनके लिए जो लंबे समय से हॉस्टल खुलने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
नवीनीकरण पर रहेगा फोकस
इस बार हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया केवल पहले से हॉस्टल में रह चुके छात्रों के लिए है। नए छात्रों को फिलहाल हॉस्टल नहीं दिया जाएगा। पुराने छात्रों को अपने हॉस्टल आवंटन का नवीनीकरण कराना होगा। पीजी स्तर के हॉस्टल के लिए आवेदन यूनिवर्सिटी मुख्यालय में लिए जाएंगे, जबकि कॉलेज स्तर के हॉस्टल के लिए आवेदन संबंधित कॉलेज में ही जमा करना होगा।
मरम्मत वाले हॉस्टल में सीमित आवंटन
हॉस्टल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जहां-जहां मरम्मत का कार्य चल रहा है, वहां उन कमरों को छोड़कर ही आवंटन किया जाएगा। यह निर्णय सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बंद हॉस्टल को फिर से खोलने की दिशा में पहल
पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल पिछले एक वर्ष से बंद हैं। बीएन कॉलेज के छात्र हर्ष की हत्या के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी बॉयज हॉस्टल को खाली कराने का निर्देश दिया था। इसके तहत सभी हॉस्टलों को 31 मई 2024 तक खाली कराने का आदेश जारी किया गया था।
छात्रों के विरोध और मांग के बाद लिया गया फैसला
हॉस्टल बंद होने के बाद छात्र लगातार मांग कर रहे थे कि इन्हें दोबारा खोला जाए। हाल ही में हुई कुलपति की बैठक में हॉस्टलों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया, जिससे छात्रों में खुशी का माहौल है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि हॉस्टल कब से खुलेंगे।
छात्रसंघ की अध्यक्ष का विरोध और स्टैंड
पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की जनरल सेक्रेटरी सलोनी राज ने हॉस्टल मुद्दे को लेकर शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया था। उन्होंने मंच से कहा कि जब तक हॉस्टल नहीं खुलते, वह शपथ नहीं लेंगी। सलोनी ने स्पष्ट कहा कि वह छात्रों की आवाज बनकर आई हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी। पटना यूनिवर्सिटी में हॉस्टल आवंटन प्रक्रिया की शुरुआत छात्रों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि यह केवल पुराने छात्रों के लिए है, लेकिन इससे हॉस्टल व्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है। छात्रसंघ और प्रशासन के बीच संवाद से आने वाले दिनों में और भी सकारात्मक निर्णय लिए जा सकते हैं।


